देश की खबरें | नेपाल ने सीमा मुद्दा सुलझाने के लिए वार्ता की पैरवी की : मैत्री संधि की जल्द समीक्षा करने की मांग
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 15 जनवरी भारत दौरे पर आए नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ज्ञवाली ने शुक्रवार को दोनों देशों के बीच लंबित सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए वार्ता की पैरवी की। उन्होंने 1950 की द्विपक्षीय शांति एवं मैत्री संधि की जल्द समीक्षा करने की मांग की तथा भारत के साथ अपने देश के व्यापार असंतुलन पर चिंता प्रकट की।

‘इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स’ में अपने संबोधन में ज्ञवाली ने कहा कि भारत के साथ अपने संबंधों को नेपाल अगले स्तर तक ले जाना चाहता है।

उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि ‘‘हमें समान रूप से संबंधों को आगे बढ़ाना होगा, सकारात्मक सोच के साथ बदलते आयामों के हिसाब से एक-दूसरे को समझना होगा।’’

सीमा विवाद का हवाला देते हुए नेपाल के विदेश मंत्री ने कहा कि समाधान तलाशने से द्विपक्षीय संबंधों में विश्वास बढ़ेगा।

ज्ञवाली ने कहा कि दोनों पक्षों ने बातचीत के जरिये सीमा के सवाल को सुलझाने पर सहमति व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि एक मुद्दे पर मतभेद के अलावा सम्पूर्ण संबंधों में गति आई है।

ज्ञवाली ने कहा, ‘‘इस भावना के तहत हम शेष क्षेत्रों में सीमा निर्धारण के प्रश्न के समाधान के लिए बातचीत शुरू करने को इच्छुक हैं। मैं समझता हूं कि इसपर काम कर सकते हैं और उस स्थिति तक पहुंच सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम समझते हैं कि हमें लंबित मुद्दों को हमेशा बरकरार नहीं रखना चाहिए और मित्रतापूर्ण संबंधों की राह में इन्हें नहीं आने देना चाहिए।’’

भारत के तीन दिनों के दौरे पर आए ज्ञवाली ने शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा की।

नेपाल के कूटनीतिक सूत्रों ने बताया कि दोनों विदेश मंत्रियों की बैठक में सीमा मुद्दा भी उठा।

नेपाल सरकार द्वारा पिछले साल विवादित नया नक्शा प्रकाशित किए जाने के कारण उभरे सीमा विवाद के बाद इस देश के किसी वरिष्ठ नेता की यह पहली भारत यात्रा है।

इस विवादित नक्शे में भारतीय क्षेत्र लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को नेपाल का हिस्सा दर्शाया गया था। नेपाल के इस कदम पर भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी और उसके दावे को खारिज किया था।

नेपाल के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच 1800 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा है और इसमें से अधिकांश का संयुक्त रूप से नक्शा तैयार हुआ है। इस संबंध में कुछ ही किलोमीटर का काम पूरा होना बाकी है।

आर्थिक संबंधों पर ज्ञवाली ने भारत के साथ नेपाल के व्यापार असंतुलन पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि नेपाल की अर्थव्यवस्था ‘‘भारी व्यापार असंतुलन’’ को सहन नहीं कर सकती और उनके देश ने निर्यात क्षमता में विस्तार की मदद के लिए कुछ कदमों की पेशकश की है।

कोविड-19 महामारी से निपटने के मुद्दे पर उन्होंने उम्मीद जताई कि नेपाल को भारत से कोरोना वायरस का टीका मिलेगा।

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