नयी दिल्ली, 20 सितंबर नीट-यूजी 2024 के प्रश्नपत्र लीक मामले में, अपने दूसरे आरोपपत्र में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया है कि झारखंड के हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल के प्राचार्य और उपप्राचार्य ने अन्य लोगों के साथ मिलकर प्रश्नपत्र चुराने की साजिश रची।
अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि पटना की एक विशेष अदालत में यह आरोपपत्र दाखिल किया गया, जिसमें प्राचार्य एहासनुल हक, उपप्राचार्य मोहम्मद इम्तियाज आलम और चार अन्य को नामजद किया गया है।
बृहस्पतिवार को दाखिल अपनी रिपोर्ट में सीबीआई ने अमन कुमार सिंह, बलदेव कुमार, सन्नी कुमार और स्थानीय पत्रकार जमालुद्दीन को भी नामजद किया है। उन्हें धारा 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र), धारा 109 (उकसाना), धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात), धारा 420 (धोखाधड़ी), धारा 380 (चोरी), धारा 201 (साक्ष्य मिटाना) और धारा 411 (चोरी की संपत्ति बेईमानी से प्राप्त करना) के तहत आरोपित किया गया है।
इसके अलावा, जांच एजेंसी ने हक और आलम पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधान भी लगाये हैं।
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने चिकित्सा संस्थान में प्रवेश के लिए नीट-यूजी (राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा) 2024 परीक्षा के आयोजन को लेकर हजारीबाग में हक को शहर समन्वयक और आलम को केंद्र अधीक्षक नियुक्त किया था।
सीबीआई मामले के सिलसिले में 48 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
सीबीआई ने प्रश्नपत्र लीक के लाभार्थी उम्मीदवारों की पहचान की है और आवश्यक कार्रवाई के लिए उनका विवरण राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी से साझा किया है।
उसने एक अगस्त को 13 आरोपियों के खिलाफ पहला आरोपपत्र दाखिल किया था।
सीबीआई ने आरोप लगाय है कि कथित साजिशकर्ताओं में से एक पंकज कुमार ने हक और आलम के साथ मिलकर गड़बड़ी की।
नीट-यूजी 2024 के प्रश्नपत्रों से भरे बक्से पांच मई को विद्यालय में लाये गये और उन्हें सुबह में नियंत्रण कक्ष में रखा गया।
सीबीआई का आरोप है कि हक और आलम ने अवैध रूप से कुमार को नियंत्रण कक्ष तक आने-जाने की छूट दी जहां बक्से रखे गये थे।
सीबीआई के अनुसार, पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) और भरतपुर के एक चिकित्सा महाविद्यालय में एमबीबीएस की पढाई कर रहे विद्यार्थियों (सॉल्वर्स) के एक समूह ने पांच मई की सुबह हजारीबाग में प्रश्नपत्र को हल किया।
एजेंसी ने सात ऐसे कथित सात ‘सॉल्वर्स’ को गिरफ्तार किया और बक्से को खोलने में इस्तेमाल किये गये उपकरण को जब्त किया।
सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा था, ‘‘हल किया गया प्रश्नपत्र कुछ उन चुनिंदा विद्यार्थियों (अभ्यर्थियों) के साथ साझा किया गया जिन्होंने आरोपियों को पैसे दिये थे। सभी ‘सॉल्वर्स’ प्रतिष्ठित महाविद्यालयों के एमबीबीएस के विद्यार्थी हैं और उनकी पहचान कर ली गयी है तथा उनमें से ज्यादातर को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन ‘सॉल्वर्स’ को विशेष साजिश के तहत हजारीबाग लाया गया था।’’
कुमार के साथ मिलकर गड़बड़ियां करने वाले गिरोह के अन्य सदस्यों की भी पहचान कर ली गयी है और उनमें से कुछ को गिरफ्तार कर लिया गया है।
एनटीए द्वारा सरकारी और निजी चिकित्सा संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नीट-यूजी परीक्षा आयोजित की जाती है। इस साल यह परीक्षा पांच मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिसमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे। परीक्षा में 23 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
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