खेल की खबरें | नीरज और विनेश फाइनल में, सेमीफाइनल में हारी हॉकी टीम

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Sports at LatestLY हिन्दी. ओलंपिक शुरू होने से पहले ही से हर भारतीय की जुबां पर एक ही नाम था ..नीरज चोपड़ा और तोक्यो में इतिहास रचने वाले इस भालाफेंक चैम्पियन ने निराश भी नहीं किया । वहीं कुश्ती के मैट पर विनेश फोगाट के असाधारण प्रदर्शन ने पेरिस ओलंपिक में ऐतिहासिक स्वर्ण जीतने की ओर कदम रख दिया लेकिन भारतीय हॉकी टीम का 44 साल बाद स्वर्ण जीतने का सपना सेमीफाइनल में जर्मनी से हारकर टूट गया ।

पेरिस, छह अगस्त ओलंपिक शुरू होने से पहले ही से हर भारतीय की जुबां पर एक ही नाम था ..नीरज चोपड़ा और तोक्यो में इतिहास रचने वाले इस भालाफेंक चैम्पियन ने निराश भी नहीं किया । वहीं कुश्ती के मैट पर विनेश फोगाट के असाधारण प्रदर्शन ने पेरिस ओलंपिक में ऐतिहासिक स्वर्ण जीतने की ओर कदम रख दिया लेकिन भारतीय हॉकी टीम का 44 साल बाद स्वर्ण जीतने का सपना सेमीफाइनल में जर्मनी से हारकर टूट गया ।

गत चैंपियन नीरज ने मंगलवार को यहां अपने पहले ही प्रयास में 89.34 मीटर के थ्रो के साथ पुरुष भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल में प्रवेश किया जबकि महिला पहलवान विनेश (50 किग्रा) ने पहले दौर में अब तक अपराजेय मौजूदा चैम्पियन युई सुसाकी को हराकर बड़ा उलटफेर करने के बाद दो और मुकाबले जीतकर फाइनल में जगह बना ली । वहीं भारतीय हॉकी टीम को सेमीफाइनल में जर्मनी ने 3 . 2 से हरा दिया ।

टेबल टेनिस पुरूष वर्ग में भी भारत को निराशा हाथ लगी ।

क्वालीफिकेशन में अव्वल रहे नीरज , पहले ही प्रयास में 89 . 34 मीटर थ्रो :

ग्रुप बी क्वालीफिकेशन में सबसे पहले थ्रो करने उतरे नीरज ने 89.34 मीटर से सत्र का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए आठ अगस्त को होने वाले फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। नीरज ने तोक्यो ओलंपिक में भी अपने पहले ही प्रयास में फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया था।

नीरज ने ग्रुप ए और बी दोनों में शीर्ष पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई और इस तरह एडक्टर की चोट से जुड़ी चिंताओं को भी पूरी तरह से खारिज कर दिया।

यह नीरज के करियर का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है। इस गत ओलंपिक और विश्व चैंपियन ने 87.58 मीटर के प्रयास के साथ तोक्यो ओलंपिक का स्वर्ण पदक जीता था जबकि उनका निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 89.94 मीटर है जो उन्होंने 2022 में स्टॉकहोम डाइमंड लीग में रजत पदक जीतने के दौरान किया था। यह राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी है।

भारत के किशोर जेना हालांकि ग्रुप ए क्वालीफिकेशन में 80.73 मीटर के प्रयास से नौवें और कुल 18वें स्थान पर रहे तथा शीर्ष 12 खिलाड़ियों में जगह बनाकर फाइनल में प्रवेश करने के नाकाम रहे।

ग्रुप ए और बी क्वालीफिकेशन के बाद 84 मीटर या इससे अधिक का थ्रो करने वाले सभी खिलाड़ी या दोनों ग्रुप से शीर्ष 12 खिलाड़ियों ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया।

विनेश फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी :

कुछ महीने पहले तक व्यवस्था के खिलाफ सड़कों पर संघर्ष कर रही विनेश फोगाट कुश्ती के मैट पर भी जीवट और जुझारूपन की नयी कहानी लिखते हुए ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई ।

हरियाणा की 29 वर्ष की विनेश ने क्यूबा की युसनेलिस गुजमैन लोपेज को 5 . 0 से हराकर पेरिस ओलंपिक में महिला कुश्ती स्पर्धा के 50 किलोवर्ग में स्वर्ण पदक जीतने की ओर कदम रख दिया ।

विनेश रियो ओलंपिक में चोटिल होकर स्ट्रेचर पर बाहर हुई थी और तोक्यो ओलंपिक में प्रदर्शन निराशाजनक रहा था।

इससे पहले विनेश ने महिला कुश्ती के 50 किग्रा वर्ग में सुसाकी को हराकर बड़ा उलटफेर करने के बाद यूक्रेन की ओक्साना लिवाच को पछाड़कर सेमीफाइनल में प्रवेश किया।

तोक्यो खेलों की स्वर्ण पदक विजेता और चार बार की विश्व चैंपियन सुसाकी ने इससे पहले अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 82 मुकाबलों में से किसी में भी हार का सामना नहीं किया था लेकिन विनेश ने आखिरी कुछ सेकेंडों में मैच का पासा पलटते हुए 3-2 की यादगार जीत दर्ज की।

उन्होंने इसके बाद क्वार्टर फाइनल में पूर्व यूरोपीय चैंपियन और 2018 विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता लिवाच की चुनौती को 7-5 से खत्म किया।

सुसाकी के पास विनेश के खिलाफ मुकाबले में आखिरी कुछ सेकेंड से पहले तक 2-0 की बढ़त थी। विनेश अपने अनुभव का पूरा इस्तेमाल कर आखिरी नौ सेकेंड में जापान की चैम्पियन पहलवान को टेकडाउन कर दो अंक हासिल करने में सफल रही।

जापान की टीम ने इसके खिलाफ अपील भी की लेकिन रेफरी ने वीडियो रीप्ले देखने के बाद उसे खारिज कर दिया जिससे विनेश को एक और अंक मिला और उन्होंने 3-2 से जीत हासिल कर ली।

हॉकी टीम का सुनहरा सपना जर्मनी ने तोड़ा, अब कांसे के लिये खेलेगी :

ओलंपिक में 44 साल बाद स्वर्ण जीतने का भारतीय हॉकी टीम का सपना जर्मनी के हाथों सेमीफाइनल में 2 . 3 से मिली हार से टूट गया और अब तक अभेद दिख रहे भारतीय डिफेंस में विश्व चैम्पियन टीम ने बड़ी चतुराई से सेंध मारकर टीवी के आगे देर रात नजरें गड़ाये बैठे करोड़ों भारतीयों का दिल भी तोड़ दिया ।

तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक के मुकाबले में जर्मनी को हराने वाली भारतीय टीम अब कांसे के लिये आठ अगस्त को स्पेन से खेलेगी । वहीं फाइनल जर्मनी और नीदरलैंड के बीच होगा ।

पहले क्वार्टर में बढत बनाने के बावजूद भारतीय टीम लय कायम नहीं रख पाई । डिफेंस बिखरा हुआ था तो फॉरवर्ड पंक्ति दबाव में दिखी जबकि मिडफील्ड में भी कई गलतियां हुई । भारत को अपने अनुभवी फर्स्ट रशर अमित रोहिदास की कमी बुरी तरह खली जो ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में मिले रेडकार्ड के कारण एक मैच का प्रतिबंध झेल रहे हैं ।

भारत के लिये सातवें मिनट में कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने और 36वें मिनट में सुखजीत सिंह ने गोल किया जबकि जर्मनी के लिये गोंजालो पेयाट ने 18वें, क्रिस्टोफर रूर ने 27वें और मार्को मिल्टकाउ ने 54वें मिनट में गोल दागे ।

आठ बार की चैम्पियन भारतीय टीम ने आखिरी बार ओलंपिक स्वर्ण 1980 में मॉस्को में और रजत 1960 में रोम में जीता था ।

भारत को मैच में 12 पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन दो ही गोल में बदल सके ।

किरण 400 मीटर सेमीफाइनल में जगह बनाने में नाकाम:

एथलेटिक्स की महिला 400 मीटर रेपेचेज में भारत की किरण पहल हीट एक में 52.59 सेकेंड के लचर प्रदर्शन के साथ छह खिलाड़ियों में छठे स्थान पर रहते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहीं। वह रेपेचेज में चुनौती पेश करने वाली 26 धावकों में 23वें स्थान पर रहीं।

हीट एक में नाईजीरिया की एला ओनओजुववेमो 50.59 सेकेंड के समय के साथ शीर्ष पर रहीं।

प्रत्येक हीट से शीर्ष पर रहने वाली धावक और दो अन्य सबसे तेज धावकों ने सेमीफाइनल में जगह बनाई।

भारतीय पुरुष टेबल टेनिस टीम चीन से हारकर बाहर:

भारतीय पुरुष टेबल टेनिस टीम प्री क्वार्टर फाइनल में शीर्ष वरीय चीन के खिलाफ एकतरफा मुकाबले में हार के साथ प्रतियोगिता से बाहर हो गई।

भारत की 14वीं वरीय टीम के पास कई बार के ओलंपिक चैंपियन चीन का कोई जवाब नहीं था जिसने मुकाबला 3-0 से जीता।

भारत की ओर से सिर्फ अनुभवी अचंता शरत कमल ही एक गेम जीतने में सफल रहे जबकि टीम ने बाकी दो मैच सीधे गेम में गंवाए।

भारत के लिए मुकाबले की शुरुआत हरमीत देसाई और मानव ठक्कर की दुनिया की 42वें नंबर की जोड़ी ने की जिसे बेहद एकतरफा मुकाबले में मा लोंग और वैंग चुकिन की चीन की दुनिया की नंबर एक जोड़ी के खिलाफ सीधे गेम में 0-3 (2-11, 3-11, 7-11) से शिकस्त का सामना करना पड़ा।

शरत कमल ने दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी फेन झेनडोंग के खिलाफ पहला गेम जीता लेकिन चीन के खिलाड़ी ने अगले तीन गेम जीतकर मुकाबला 3-1 (9-11, 11-7, 11-7, 11-5) से अपने नाम किया और चीन को 2-0 की बढ़त दिला दी।

करो या मरो के मुकाबले में दुनिया के 59वें नंबर के खिलाड़ी मानव को दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी चुकिन को हराना जरूरी थी लेकिन चीन के खिलाड़ी ने 3-0 (11-9, 11-6, 11-9) से मैच जीतकर अपनी टीम को क्वार्टर फाइनल में पहुंचा दिया।

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