विदेश की खबरें | टीकों की वैश्विक असमानता को दूर करने के लिए एक प्रभावी तंत्र की जरूरत: भारत

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. कोविड-19 टीकों की वैश्विक असमानता को दूर करने के लिए एक प्रभावी तंत्र की जरूरत पर जोर देते हुए भारत ने कहा कि वायरस के स्वरूप में और बदलाव को रोकने के लिए टीकाकरण अभियान की आवश्यकता है और वैश्विक समुदाय के साथ अपना ‘कोविन’ मंच साझा करने की पेशकश की।

संयुक्त राष्ट्र 27 जुलाई कोविड-19 टीकों की वैश्विक असमानता को दूर करने के लिए एक प्रभावी तंत्र की जरूरत पर जोर देते हुए भारत ने कहा कि वायरस के स्वरूप में और बदलाव को रोकने के लिए टीकाकरण अभियान की आवश्यकता है और वैश्विक समुदाय के साथ अपना ‘कोविन’ मंच साझा करने की पेशकश की।

फ्रांस की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बंद कमरे में कोविड-19 स्थिति पर प्रस्ताव 2565 पर सोमवार को चर्चा की।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरूमूर्ति ने ट्विटर पर बताया कि सुरक्षा परिषद में कोविड-19 पर चर्चा में उन्होंने कहा कि टीके की वैश्विक असमानता को दूर करने के लिए एक प्रभावी तंत्र और वायरस के स्वरूप में और बदलाव को रोकने के लिए टीकाकरण अभियान की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि टीके को लेकर लोगों की गलतफहमियों को दूर करने के लिए तथ्यों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, साथ में भारत ने कोविन मंच की पेशकश भी की। उन्हेांने बताया कि कोविड रोधी टीकाकरण के लिए कोविन भारत का प्रौद्योगिकी मंच है।

इस महीने के शुरू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कोविन को एक खुले साधन के तौर पर तैयार किया जा रहा है ताकि यह सभी देशों के लिए उपलब्ध हो। मोदी ने कहा कि भारत महामारी के खिलाफ लड़ाई में अपनी विशेषज्ञता और स्रोतों को वैश्विक समुदाय के साथ साझा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस साल फरवरी में सुरक्षा परिषद ने कोविड-19 प्रस्ताव को अपनाया था। इसमें सशस्त्र संघर्ष स्थितियों, संघर्ष के बाद के हालात और जटिल मानवीय आपात स्थितियों में कोविड-19 टीकों तक समान और किफायती पहुंच के लिए राष्ट्रीय और बहुपक्षीय दृष्टिकोण और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया गया है।

संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के स्थायी प्रतिनिधि निकोलस डे रिविरे ने ट्विटर पर कहा कि प्रस्ताव 2532 को अपनाने के एक साल के बाद सुरक्षा परिषद ने कोविड स्थिति पर बैठक की।

प्रस्ताव 2532 को जुलाई 2020 में सुरक्षा परिषद ने स्वीकार किया था, जिसमें दुनिया भर में कोविड-19 के विनाशकारी प्रभाव पर चिंता जताई गई थी, खासकर उन देशों में जहां सशस्त्र संघर्ष की वजह से तबाही मची है या वे मानवीय संकट से जूझ रहे हैं। साथ में तत्काल दुश्मनी को खत्म करने की मांग की गई थी।

फ्रांसीसी राजदूत ने कहा कि कुछ प्रगति हुई है लेकिन यह इतनी नहीं है जिस पर संतोष किया जा सके।

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