देश की खबरें | एनसीएमसी ने चक्रवात ‘मिचौंग’ के मद्देनजर तैयारियों की समीक्षा की
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नयी दिल्ली, तीन दिसंबर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बंगाल की खाड़ी के ऊपर बन रहे ‘मिचौंग’ चक्रवात के मद्देनजर तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और पुडुचेरी में 21 टीम तैनात की हैं तथा आठ अन्य टीम को भी तैयार रखा है। इस चक्रवात के दक्षिणी भारत के कुछ हिस्सों में तट से टकराने की आशंका है।
एक सरकारी बयान के अनुसार राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) को यह जानकारी दी गयी। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में इस समिति की यहां बैठक हुई जिसमें इस चक्रवात के मद्देनजर राज्य सरकारों एवं केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों की तैयारियों की समीक्षा की गयी।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक ने समिति को चक्रवाती तूफान ‘मिचौंग’ की वर्तमान दशा के बारे में बताया।
दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी में उठा यह चक्रवाती तूफान पिछले छह घंटे के दौरान नौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दक्षिण पश्चिम की ओर बढ़ा और रविवार को अपराह्न साढ़े चार बजे यह 11.8 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 82.2 डिग्री पूर्वी देशांतर के समीप उसी क्षेत्र में था। यह फिलहाल पुडुचेरी के पूर्व-दक्षिणपूर्व में लगभग 250 किमी, चेन्नई के दक्षिण-दक्षिणपूर्व में 230 किमी और नेल्लोर (आंध्र प्रदेश) के दक्षिण-दक्षिणपूर्व में 380 किमी, बापतला के दक्षिण-दक्षिण पूर्व में 490 किमी और मछलीपट्टनम से 500 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है।
आशंका है कि यह उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा तथा मजबूत होकर सोमवार को दक्षिण आंध्रप्रदेश एवं निकटवर्ती उत्तरी तमिलनाडु के तटों के समीप पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी में पहुंचेगा ।
बयान में कहा गया है कि उसके बाद वह उत्तर की ओर बढ़ेगा तथा दक्षिण आंध्रप्रदेश के तट के समानांतर आगे बढ़ते हुए पांच दिसंबर को पूर्वाह्न नेल्लोर एवं मछलीपट्टनम के बीच दक्षिण आंधप्रदेश तट को पार करेगा। इस चक्रवाती गतिविधि के कारण 80-90 किलोमीटर प्रति घंटे से 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवा चल सकती है।
कैबिनेट सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि संबंधित राज्य भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के नवीनतम पूर्वानुमान के मद्देनजर सभी जरूरी एहतियाती कदम उठाएं। उन्होंने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी की जान न जाए तथा जोखिम संभावित क्षेत्रों को समय से खाली करा लिया जाए।
तमिलनाडु, ओडिशा, पुडुचेरी के मुख्य सचिवों तथा आंधप्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन के विशेष मुख्य सचिव ने एनसीएमसी को की जा रही तैयारियों के बारे में बताया। समिति को बताया गया कि निचले इलाकों की पहचान कर ली गयी है तथा लोगों को राहत केंद्रों में पहुंचाने का काम शुरू कर दिया गया है।
एसएमएस और मौसम बुलेटिन के माध्यम से स्थानीय ओं में अलर्ट जारी किये जा रहे हैं। मछुआरे तथा नौकाएं सुरक्षित जगह लौट आयी हैं। जरूरी सामान का प्रबंध कर लिया गया है। स्थानीय प्रशासन ने चौबीसों घंटे की निगरानी के लिए पर्याप्त संख्या में अधिकारियों को तैनात किया है।
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