ताजा खबरें | ''नेकां अनंतनाग-राजौरी में उस मित्र के खिलाफ चुनाव लड़ रही जो एक सीट के लिए 'लालची' हो गया''
Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि यह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ है कि उनकी पार्टी अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र में एक ऐसे मित्र के खिलाफ चुनाव लड़ रही है जो एक लोकसभा सीट के लिए ‘‘लालची’’ बन गया है।
पुलवामा (जम्मू-कश्मीर), 20 अप्रैल नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि यह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ है कि उनकी पार्टी अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र में एक ऐसे मित्र के खिलाफ चुनाव लड़ रही है जो एक लोकसभा सीट के लिए ‘‘लालची’’ बन गया है।
अब्दुल्ला ने पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी)अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के दक्षिण कश्मीर की सीट से चुनाव लड़ने का स्पष्ट रूप से जिक्र करते हुए यह बात कही। नेकां ने इस सीट से अपने वरिष्ठ गुर्जर नेता मियां अल्ताफ को मैदान में उतारा है।
उन्होंने कहा, ‘‘दक्षिण कश्मीर सीट पर लड़ाई भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) से नहीं है। दुर्भाग्य से, वहां नेशनल कॉन्फ्रेंस का मुकाबला हमारे एक मित्र से है जो कुछ दिन पहले तक हमारे साथ था। दुर्भाग्य से, उन्होंने एक सीट के लालच में हमें छोड़ दिया। कम से कम दक्षिण कश्मीर में हमारा मुकाबला भाजपा या उसकी ‘बी’ या ‘सी’ टीम से नहीं है।’’
उन्होंने श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र से पार्टी उम्मीदवार आगा सैयद रुहुल्लाह मेहदी के समर्थन में एक चुनावी सभा को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बात कही।
नेकां और पीडीपी विपक्षी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) का हिस्सा हैं। वे ‘पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन’ (पीएजीडी) का भी हिस्सा था जिसका गठन अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद किया गया था।
नेकां द्वारा पीडीपी के लिए एक भी सीट छोड़े बिना कश्मीर घाटी में सभी तीन निर्वाचन क्षेत्रों से उम्मीदवार उतारने की घोषणा किए जाने के बाद यह गठबंधन टूट गया। पीडीपी ने भी बाद में तीनों सीट पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा की।
नेकां उपाध्यक्ष ने कहा कि भाजपा घाटी में संसदीय चुनाव सीधे तौर पर नहीं लड़ रही है, बल्कि वह ‘अपनी पार्टी’ और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) जैसे दलों का समर्थन कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा चुनाव लड़ रही है, लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि उनके पास अपनी पार्टी का चुनाव चिह्न नहीं है, वे ‘क्रिकेट के बल्ले’ (अपनी पार्टी का चुनाव चिह्न) और ‘सेब’ (पीसी का चुनाव चिह्न) पर चुनाव लड़ रहे हैं... हम अच्छी तरह से जानते हैं कि भाजपा यहां किसका समर्थन करती है, लेकिन उनके जीतने की कोई संभावना नहीं है।’’
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि भगवान ने चाहा तो नेकां सभी तीन सीट जीतेगी।’’
अब्दुल्ला ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के 400 का आंकड़ा पार करने के भाजपा के दावे से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि नतीजों के बाद सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।
उन्होंने दावा किया कि लद्दाख सीट उनके हाथ से फिसल रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘कल हुए मतदान के बाद ऐसा लगता है कि वे उधमपुर सीट नहीं बचा पाएंगे। देखते हैं कि जम्मू सीट पर भी क्या होगा।’’
भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रवींद्र रैना ने उनकी पार्टी को जम्मू में दोनों सीट पर जीत मिलने का दावा किया है। इस बारे में सवाल किए जाने पर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘मैं रैना को याद दिला दूं कि जम्मू सीट पर अभी तक चुनाव नहीं हुए हैं और हमें यह भी नहीं पता कि वह कितना मतदान होगा। पहले मतदान होने दें, फिर भाजपा को अपनी जीत का दावा करना चाहिए। फिलहाल हमें लगता है कि उनकी उधमपुर सीट खतरे में है।’’
नेकां उपाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा ने कश्मीर में कई दावे किए थे, लेकिन वह घाटी में ‘‘चुनावी मैदान से भाग गई।’’
उन्होंने सवाल किया, "उन्होंने मैदान क्यों छोड़ा? उनकी क्या मजबूरी थी? रैना दक्षिण कश्मीर सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन उन्होंने चुनाव क्यों नहीं लड़ा?"
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