देश की खबरें | नवाब मलिक अल्पसंख्यक समुदाय के उभरते नेताओं की छवि खराब कर रहे हैं: आशीष शेलार

मुंबई, 10 नवंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता आशीष शेलार ने बुधवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा सरकारी बोर्ड में की गई कुछ लोगों की नियुक्तियों का बचाव किया। इससे ठीक पहले राज्य के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता नवाब मलिक ने फडणवीस पर अपने कार्यकाल के दौरान ‘‘आपराधिक’’ पृष्ठभूमि वाले लोगों को नियुक्त करने का आरोप लगाया।

शेलार ने पत्रकारों से कहा कि हाजी अराफात शेख और हाजी हैदर को नियुक्त करने का फैसला पूर्ववर्ती सरकार ने इसलिए लिया क्योंकि जांच रिपोर्ट में उन्हें पाक साफ करार दिया गया था। भाजपा नेता ने कहा, ‘‘यह सच है कि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार ने हाजी अराफात, हाजी हैदर और मुन्ना यादव को कुछ सरकारी बोर्ड में नियुक्त किया था। हाजी अराफात और हाजी हैदर की नियुक्तियों को उनके खिलाफ जांच रिपोर्ट में पाक साफ बताए जाने के बाद मंजूरी दी गई थी।’’

शेलार ने कहा कि मुन्ना यादव के खिलाफ एक आरोप है जिसपर वह स्पष्टीकरण देंगे। उन्होंने दावा किया, ‘‘अराफात और हैदर के खिलाफ कुछ आरोप हो सकते हैं, लेकिन वे राजनीतिक रैलियों और सार्वजनिक कार्यक्रमों के संबंध में होंगे।’’

इससे पहले, मलिक ने कहा कि आठ अक्टूबर 2017 को राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स से 14.56 करोड़ रुपये मूल्य के जाली नोट जब्त किए थे। मलिक ने कहा कि इस मामले में इमरान आलम शेख नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। मंत्री ने दावा किया कि बाद में इमरान के भाई हाजी आराफात शेख को राज्य अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

मलिक ने कहा कि नागपुर के मुन्ना यादव को महाराष्ट्र निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया जबकि उनके खिलाफ हत्या जैसे आपराधिक मामले दर्ज थे।

पलटवार करते हुए शेलार ने कहा, ‘‘अगर ये लोग कुछ गलत कामों में शामिल थे तो मौजूदा महा विकास आघाड़ी सरकार ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? गृह मंत्रालय राकांपा के पास है। राकांपा कार्रवाई क्यों नहीं कर रही।’’

शेलार ने दावा किया कि इमरान आलम शेख कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन सचिव थे। शेलार ने कहा, ‘‘वह अब राकांपा के साथ हैं। पार्टी अब क्या स्पष्टीकरण देगी? मलिक मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में अल्पसंख्यक समुदाय के उभरते हुए नेताओं की छवि खराब कर रहे हैं। सवाल यह है कि वह ऐसा क्यों कर रहे हैं?’’

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