हैदराबाद, 10 जनवरी: नौसेना प्रमुख एडमिरल हरि कुमार ने बुधवार को कहा कि भारतीय नौसेना समुद्री डाकुओं पर लगाम कसने और उन्हें उनके जल क्षेत्र में ही सीमित रखने के लिए सक्रिय रूप से अपने बेड़े को तैनात कर रही है. नौसेना के लिए अडाणी डिफेंस और एयरोस्पेस द्वारा स्वदेशी रूप से निर्मित ‘दृष्टि 10 स्टारलाइनर मानव रहित विमान (यूएवी) का अनावरण करने के बाद हरि कुमार ने कहा कि पिछले 40-42 दिनों के दौरान लाल सागर, उत्तरी और मध्य अरब सागर में मुख्य रूप से इजरायल के स्वामित्व या उसके ध्वज वाले अथवा उससे संबंधित जहाजों पर लगभग 35 ड्रोन हमले हुए हैं.
नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि भारत के निकटतम पड़ोसियों के पास सामूहिक रूप से काफी संख्या में यूएवी हैं और इसलिए, दूरदर्शिता यही है कि देश और उसके सशस्त्र बल इस क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करना जारी रखें. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “हाल ही में हमारे लिहाज से केवल दो घटनाएं (समुद्री डाकुओं द्वारा जहाजों के अपहरण का प्रयास) हुई हैं. दोनों भारतीय ध्वज वाले जहाज नहीं थे, लेकिन दूसरे मामले में चालक दल भारतीय था इसलिए हमें जवाब देना पड़ा. इसलिए हम नाव पर सवार हुए और चालक दल को बचाया.
इसलिए अब हम बहुत सक्रिय रूप से वहां अपनी इकाइयां तैनात कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये समुद्री डाकू दूर रहें.” भारतीय नौसेना ने शुक्रवार को उत्तरी अरब सागर में लाइबेरिया के झंडे वाले जहाज एमवी लीला नॉरफोक के अपहरण के प्रयास को विफल कर दिया और 15 भारतीयों सहित उसके चालक दल के सभी सदस्यों को बचा लिया.
नौसेना प्रमुख ने आगे कहा कि समुद्री डकैती विरोधी अभियान 2008 से चल रहा है और नौसेना ने इस अवधि के दौरान 105 से अधिक जहाजों को तैनात किया है. जहाजों पर ड्रोन हमलों से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए एडमिरल हरिकुमार ने कहा कि वे उन तीन जहाजों के मलबे का फोरेंसिक विश्लेषण कर रहे हैं जिन पर हमला किया गया था.
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