विदेश की खबरें | यूक्रेन के नियंत्रण वाले क्षेत्र को नाटो की सदस्यता युद्ध के चरम दौर को खत्म कर देगा: जेलेंस्की
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

शुक्रवार को एक साक्षात्कार में जेलेंस्की की इस टिप्पणी ने भविष्य में उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की सदस्यता के लिए यूक्रेन के मुश्किल राह पर आगे बढ़ने का संकेत दिया।

जुलाई में वाशिंगटन में नाटो शिखर सम्मेलन में, इसके 32 सदस्यों ने घोषणा की कि यूक्रेन सदस्यता के लिए ‘‘पीछे मुड़कर नहीं देखने के’’ रास्ते पर है।

हालांकि, आगे बढ़ने में एक बाधा यह रही है कि इसमें शामिल होने से पहले यूक्रेन की सीमाओं को स्पष्ट रूप से चिह्नित किया जाना आवश्यक होगा।

‘स्काई न्यूज’ को दिये साक्षात्कार के एक अंश में यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आप किसी देश के केवल एक हिस्से को न्योता नहीं दे सकते। क्यों? क्योंकि इस तरह आपको पता चल जाएगा कि यूक्रेन केवल यूक्रेन का ही एक हिस्सा है और दूसरा हिस्सा रूस है।’’

यूक्रेन के संविधान के तहत, कीव रूस द्वारा कब्जा किए गए क्षेत्र को रूसी क्षेत्र के रूप में मान्यता नहीं दे सकता।

जेलेंस्की ने कहा, ‘‘इसलिए कानूनी तौर पर, हमें कब्जे वाले क्षेत्र को रूस के क्षेत्र के रूप में मान्यता देने का कोई अधिकार नहीं है।’’

वर्ष 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से, रूस यूक्रेन के लगभग पांचवें हिस्से को अपने नियंत्रण में रखने के लिए जद्दोजहद कर रहा है। पहले से ही पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन इसके नियंत्रण में है।

जेलेंस्की ने कहा, ‘‘अगर हम युद्ध के इस चरम दौर को समाप्त करना चाहते हैं, तो हमें यूक्रेन के उस क्षेत्र को नाटो के दायरे में लाना चाहिए जो हमारे नियंत्रण में है। हमें यही करना है, जल्दी से। और फिर यूक्रेन कूटनीतिक तरीके से अपने क्षेत्र का दूसरा हिस्सा वापस पा सकता है।’’

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