नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर भारतीय भू्-भाग चीन को सौंपे जाने का आरोप लगाने के एक दिन बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने रविवार को उन पर तंज कसते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी वास्तव में ‘‘सरेंडर मोदी’’ हैं. राहुल ने एक ट्वीट में यह कहा, जिसमें उन्होंने एक विदेशी प्रकाशन के आलेख को भी संलग्न किया है.उसका शीर्षक है ‘‘भारत की चीन के प्रति तुष्टीकरण की नीति का खुलासा हुआ. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘नरेंद्र मोदी वास्तव में सरेंडर मोदी हैं।’’इससे पहले, लद्दाख मामले पर सरकार से लगातार सवाल कर रहे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को यह आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री ने चीनी आक्रामकता के आगे भारतीय भू-भाग चीन को सौंप दिया है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने लद्दाख मामले पर शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कहा था कि न कोई हमारे क्षेत्र में घुसा और न ही किसी ने हमारी चौकी पर कब्जा किया है. इससे पहले, राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के सर्वदलीय बैठक में दिए गए बयान को लेकर ट्वीट किया था, ‘‘प्रधानमंत्री ने चीनी आक्रामकता के आगे भारतीय भू-भाग चीन को सौंप दिया है। अगर भूमि चीन की थी: तो हमारे सैनिक क्यों मारे गए? वे कहां मारे गए. यह भी पढ़े | Surya Grahan 2020 Live Updates: पंजाब के लुधियाना में सूर्य ग्रहण के कारण बंद दिखे हनुमान मंदिर के कपाट.
भारत-चीन सीमा पर स्थिति के बारे में चर्चा करने के लिए शुक्रवार को हुई सर्वदलीय बैठक पर सरकार ने एक बयान में कहा, ‘‘शुरू में ही प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया था कि न तो वहां हमारी सीमा में कोई घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई चौकी किसी दूसरे के कब्जे में है.’प्रधानमंत्री कार्यालय ने शनिवार को कहा कि सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई टिप्पणियों की ‘‘शरारतपूर्ण व्याख्या’’ करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
पीएमओ ने स्पष्ट किया कि एलएसी के संबंध में मोदी की टिप्पणियों का आशय हमारे सशस्त्र बलों की वीरता के परिणामस्वरूप उत्पन्न स्थिति से था, जिन्होंने गलवान घाटी में अतिक्रमण की चीनी सैनिकों की कोशिश को विफल कर दिया. पूर्वी लद्दाख के अनेक क्षेत्रों में भारत और चीन की सीमाओं के बीच करीब छह हफ्ते से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है. लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून की रात चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में एक कर्नल सहित 20 भारतीय सैन्य कर्मी शहीद हो गए थे, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बहुत बढ़ गया.
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