जरुरी जानकारी | कम आवक से सरसों में सुधार, सस्ते आयात से बाकी तेल तिलहन कीमतों में गिरावट

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. सस्ते दाम पर सरसों उत्पादक किसानों द्वारा अपनी फसल नहीं बेचने और मंडियों में कम फसल की आवक होने से स्थानीय तेल- तिलहन बाजार में शनिवार को सरसों तेल की कीमतों में सुधार रहा। सस्ते आयातित तेल की आवक बढ़ने से मूंगफली के भाव अपरिवर्तित रहे तथा सोयाबीन दाना (तिलहन) सहित सोयाबीन के अन्य तेल, सीपीओ और पामोलीन के भाव गिरावट दर्शाते बंद हुए।

नयी दिल्ली, चार जुलाई सस्ते दाम पर सरसों उत्पादक किसानों द्वारा अपनी फसल नहीं बेचने और मंडियों में कम फसल की आवक होने से स्थानीय तेल- तिलहन बाजार में शनिवार को सरसों तेल की कीमतों में सुधार रहा। सस्ते आयातित तेल की आवक बढ़ने से मूंगफली के भाव अपरिवर्तित रहे तथा सोयाबीन दाना (तिलहन) सहित सोयाबीन के अन्य तेल, सीपीओ और पामोलीन के भाव गिरावट दर्शाते बंद हुए।

बाजार सूत्रों का कहना है कि राजस्थन, म.प्र., गुजरात, उ.प्र. की मंडियों में सरसों न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम भाव में बिक रहे हैं, जबकि वायदा कारोबार का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य के लगभग दिखता है, लेकिन यह भाव मंडी शुल्क, वारदाना और अन्य खर्चो के साथ है। इन शुल्कों को हटा कर देखा जाये तो किसानों को कम कीमत ही मिलेगी। इस स्थिति के कारण मंडियों में सरसों की कम आवक हो रही है, साथ ही सरसों की अच्छी मांग होने से भी इसकी कीमतों में सुधार आया है।

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उन्होंने कहा कि सरकार को तेलों के ‘ब्लेंडिंग’ (सम्मिश्रण) पर रोक लगानी चाहिये क्योंकि हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी सरकार को ब्लेंडिंग पर रोक लगाने के संदर्भ में निर्देश दिया था। इससे लोगों को स्वास्थ्य का फायदा होगा और देशी तेलों की मांग बढ़ेगी। फिलहाल ब्लेंडिंग के नाम पर विदेशी तेलों की पूरी खपत हो जाती है जबकि देशी तेल का स्टॉक बचा रह जाता है। इस कदम से देश आत्मनिर्भरता की ओर भी बढ़ सकता है।

उन्होंने कहा कि सरकार को पाम तेलों के आयात पर रोक लगाने की दिशा में शीघ्र कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि इस बार देश में सोयाबीन का उत्पादन बढ़ने की संभावना है और ऐसे में सस्ते विदेशी तेलों का आयात जारी रहा तो सोयाबीन किसानों को लागत निकालना मुश्किल हो जायेगा।

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उन्होंने कहा कि सरकार को इन सस्ते आयातित तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाने के बारे में फैसला करना चाहिये जहां विदेशी बाजारों में पिछले छह महीनों के दौरान सूरजमुखी, सोयाबीन और पाम तेल में 30-40 प्रतिशत की गिरावट आई है।

शनिवार को बंद भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 4,750- 4,775 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 4,830 - 4,880 रुपये।

वनस्पति घी- 965 - 1,070 रुपये प्रति टिन।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 13,150 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,945 - 1,195 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 9,750 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,565 - 1,705 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,630 - 1,750 रुपये प्रति टिन।

तिल मिल डिलिवरी तेल- 10,500 - 13,500 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 8,700 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 8,560 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम- 7,620 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 6,730 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 7,800 रुपये।

पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 8,240 रुपये।

पामोलीन कांडला- 7,500 रुपये (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन तिलहन डिलिवरी भाव 3,760- 3,785 लूज में 3,560--3,585 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) - 3,500 रुपये

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