वायदा कारोबार में भाव टूटने से सरसों किसान को नुकसान, पाम तेल में सुधार

बाजार सूत्रों ने बताया कि जयपुर के वायदा कारोबार में सरसों के जुलाई अनुबंध का भाव 4,425 रुपये क्विन्टल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी कम यानी 4,155 बोला जा रहा है। इस पर कंडीशन के तहत प्रति क्विन्टल तेल पर 400 रुपये की कटौती, लगभग 85 रुपये का वारदाना खर्च, पांच से छह प्रतिशत का मंडी शुल्क व अन्य खर्चे, राजस्थान में बहस्पतिवार से लगाये गये दो प्रतिशत के कृषक कल्याण शुल्क आदि को मिलाकर देखा जाये तो किसानों को 3,450 रुपये क्विन्टल का भाव प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि वायदा कारोबार में विदेशी कंपनियां स्थानीय बड़े कारोबारियों के साथ मिलकर सरसों के भाव तोड़ रही हैं जिससे सरसों बिक्री के मौसम में किसान परेशान हैं।

जमात

नयी दिल्ली, नौ मई एनसीडीईएक्स के वायदा कारोबार में सरसों के भाव तोड़े जाने से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को सरसों में नरमी रही जबकि सोयाबीन में कारोबार का मिला जुला रुख दिखा। वहीं मलेशियाई बाजारों में सुधार के कारण पाम तेल और पामोलीन तेल कीमतों में सुधार दर्ज हुआ।

बाजार सूत्रों ने बताया कि जयपुर के वायदा कारोबार में सरसों के जुलाई अनुबंध का भाव 4,425 रुपये क्विन्टल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी कम यानी 4,155 बोला जा रहा है। इस पर कंडीशन के तहत प्रति क्विन्टल तेल पर 400 रुपये की कटौती, लगभग 85 रुपये का वारदाना खर्च, पांच से छह प्रतिशत का मंडी शुल्क व अन्य खर्चे, राजस्थान में बहस्पतिवार से लगाये गये दो प्रतिशत के कृषक कल्याण शुल्क आदि को मिलाकर देखा जाये तो किसानों को 3,450 रुपये क्विन्टल का भाव प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि वायदा कारोबार में विदेशी कंपनियां स्थानीय बड़े कारोबारियों के साथ मिलकर सरसों के भाव तोड़ रही हैं जिससे सरसों बिक्री के मौसम में किसान परेशान हैं।

बाजार सूत्रों का कहना है कि सरकार को बाजार में मिश्रित तेलों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाने के बारे में सोचना चाहिये और सटोरियों पर लगाम लगाने के उपाय ढूंढने चाहिये। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर वायदा कारोबार में एमएसपी से कम दाम पर बिक्री पर रोक की कोई व्यवस्था कर दी जाये, तो सटोरियों पर प्रभावी अंकुश लग सकता है।

सूत्रों ने कहा कि सरसों दाना (तिलहन फसल) के भाव पूर्ववत रहे जबकि सरसों दादरी में 50 रुपये, सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी में पांच-पांच रुपये की हानि दर्ज हुई। सोयाबीन दिल्ली में जहां 100 रुपये की हानि दर्ज हुई वहीं सोयाबीन इंदौर के भाव 7,500 रुपये क्विन्टल पर पूर्व स्तर पर ही बंद हुए। दूसरी ओर सोयाबीन डीगम 30 रुपये के सुधार के साथ 7,500 रुपये क्विन्टल पर बंद हुआ। मलेशिया एक्सचेंज में तेजी के बीच कच्चा पाम तेल (सीपीओ) एक्स-कांडला और पामोलीन आरबीडी दिल्ली तेलों की कीमतें क्रमश: 40 रुपये और 50 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 6,160 रुपये और 7,500 रुपये क्विन्टल पर बंद हुई जबकि पामोलीन कांडला तेल 6,750 रुपये क्विन्टल पर पूर्ववत बंद हुआ।

शनिवार को बंद भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 4,300 - 4,350 रुपये।

मूंगफली - 4,865 - 4,915 रुपये।

वनस्पति घी- 930 - 1,035 रुपये प्रति टिन।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 13,500 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,005 - 2,055 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 8,750 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,410 - 1,555 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,480 - 1,600 रुपये प्रति टिन।

तिल मिल डिलिवरी तेल- 10,000 - 13,500 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 8,500 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 8,500 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम- 7,500 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 6,160 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 7,600 रुपये।

पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 7,500 रुपये।

पामोलीन कांडला- 6,750 रुपये (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन तिलहन डिलिवरी भाव 3,925- 3,975 लूज में 3,725--3,775 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) - 3,430 रुपये

राजेश

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