मालदीव के नव निर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुईज ने देश से भारतीय सेना हटाने का उनके देश की जनता को भरोसा दिलाया है. मुईज के मुताबिक, लोगों ने उन्हें वोट देकर इस मांग पर मुहर लगाई है.राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद सोमवार शाम मोहम्मद मुईज ने अपने समर्थकों के साथ जीत का जश्न मनाया. इस दौरान मुईज ने कहा कि वे मालदीव के लोगों की मर्जी के विरुद्ध देश में विदेशी सेना की बहाली जारी नहीं रख सकते. 45 साल के मुईज ने कहा, "लोगों ने हमसे कह दिया है कि वे यहां विदेशी सेना नहीं चाहते हैं."
‘इंडिया आउट’: कितना गंभीर है मालदीव का भारत विरोधी अभियान
मालदीव में भारतीय सेना की एक छोटी से टुकड़ी तैनात है. कुछ टोही विमानों के साथ यह टुकड़ी हिंद महासागर पर नजर रखती है. इसमें करीब 75 लोग हैं.
नई दिल्ली को जियोपॉलिटिकल झटका
मालदीव के राष्ट्रपति चुनाव में मुईज की जीत को नई दिल्ली के लिए एक झटका माना जा रहा है. शनिवार को हुए दूसरे राउंड के चुनावों में मुईज ने भारत के करीबी माने जाने वाले राष्ट्रपति इब्राहिम महोम्मद सोलिह को हरा दिया. मुईज और उनकी पार्टी पीपल्स कांग्रेस खुले रूप से चीन के समर्थक हैं.
मुईज 2018 में राष्ट्रपति बनने वाले सोलिह पर लगातार आरोप लगा रहे थे कि उन्होंने देश में भारत को खुली छूट दे रखी है. बीते साल भर से राजधानी माले के मेयर मुईज "इंडिया आउट" का अभियान छेड़े हुए थे.
वहीं सोलिह लगातार कहते रहे कि मालदीव में भारतीय सेना सिर्फ एक डॉकयार्ड बनाने के लिए तैनात है. डॉकयार्ड दो देशों की सरकारों के समझौते से बन रहा है और यह मालदीव की संप्रभुता का उल्लंघन नहीं करता है.
सोलिह से पहले 2013 से 2018 तक मालदीव के राष्ट्रपति रहे अब्दुल्ला यामीन भी चीन के करीबी माने जाते हैं. पीपल्स नेशनल कांग्रेस के नेता यामीन के कार्यकाल में मालदीव चीन के बेल्ट एंड रोड अभियान का हिस्सा बना. इस अभियान के तहत चीन एशिया, अफ्रीका और यूरोप में बंदरगाह, रेल नेटवर्क और हाइवे बना रहा है. राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान यामीन पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे और उन्हें जेल की सजा सुनाई गई.
अब यामीन के राजनीतिक शिष्य कहे जाने वाले मुईज सत्ता संभालने जा रहे हैं. मुईज के 17 नवंबर को पद ग्रहण करने से पहले, यामीन को जेल से निकालकर नजरबंदी में शिफ्ट कर दिया गया है.
क्यों अहम है मालदीव
1,200 द्वीपों से बना मालदीव हिंद महासागर में भारत के दक्षिण में है. एक खड़ी लकीर जैसे इन द्वीपों के करीब से दुनिया अहम शिपिंग रूट गुजरता है. यह पूरब के पश्चिम को जोड़ने वाला मुख्य शिपिंग रूट है. यही भौगोलिक लोकेशन, टूरिस्ट डेस्टिनेशन माने जाने वाले मालदीव को रणनीतिक रूप से भी बेहद अहम बना देती है.
भारत और चीन हिंद महासागर को अपने नियंत्रण में रखने के लिए मालदीव में करोड़ डॉलर खर्च कर चुके हैं. इस रकम के जरिए नई दिल्ली और बीजिंग मालदीव के लोगों का दिल जीतना चाहते हैं. मालदीव में अभी सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा विदेशी कर्ज है. 6.1 अरब जीडीपी वाले देश पर जीडीपी का 113 फीसदी कर्ज चढ़ा है.
ओएसजे/सीके (एपी)