जरुरी जानकारी | एमएससीएस संशोधन विधेयक मानसून सत्र में आएगा: सहकारिता मंत्री अमित शाह
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि बहु-राज्य सहकारी समितियों (एमएससीएस) पर कानून को संशोधित करने के लिए 20 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में एक विधेयक लाया जाएगा।
नयी दिल्ली, एक जुलाई सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि बहु-राज्य सहकारी समितियों (एमएससीएस) पर कानून को संशोधित करने के लिए 20 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में एक विधेयक लाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस कवायद का मकसद कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देना है।
शाह ने यहां अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर 17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस में कहा कि 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) के लिए मसौदा मॉडल उप-कानूनों को अपनाया है। इसका अर्थ है कि देश के एक बड़े हिस्से में सितंबर से एक समान उप-कानून होंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार एक नया सहकारी कानून बनाना चाहती है, जिससे अगले 25 वर्षों में इस क्षेत्र के विस्तार में मदद मिलेगी। इसके अलावा सरकार एक सहकारी विश्वविद्यालय स्थापित करने की योजना भी बना रही है, जिसके लिए अंतर-मंत्रालयी चर्चा शुरू की गई है।
उन्होंने कहा कि छह जुलाई 2021 को अलग सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद सहकारिता के क्षेत्र में कई बदलाव हुए हैं और भविष्य में भी कई बदलाव होंगे।
मंत्री ने कहा कि सबसे पहले सरकार ने संवैधानिक ढांचे के तहत राज्यों और केंद्र के अधिकारों से छेड़छाड़ किए बिना सहकारी कानून में एकरूपता लाने की कोशिश की है।
शाह ने कहा, ''(प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी जी की पहल से बहु-राज्य सहकारी सोसायटी अधिनियम में संशोधन का काम संसदीय समिति ने सर्वसम्मति से किया है। यह कानून इसी सत्र में आने वाला है।''
इस विधेयक को 20 दिसंबर, 2022 में एक संयुक्त समिति के पास भेजा गया था और समिति ने विधेयक के अधिकांश प्रावधानों पर सहमति जताते हुए 15 मार्च, 2023 को अपनी रिपोर्ट पेश की।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा देश में पीएसीएस के लिए अलग-अलग उपनियम हैं। इनमें एकरूपता लाने के लिए सहकारिता मंत्रालय मॉडल उपनियम लेकर आया है।
उन्होंने कहा, ''मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 26 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने पीएसीएस पर मॉडल उपनियमों को अपनाया है। लगभग 85 प्रतिशत पीएसीएस सितंबर से एक समान उपनियमों का पालन करेंगे।''
शाह ने कहा कि पीएसीएस के काम का दायरा अब व्यापक हो गया है, और वे डेयरी तथा मत्स्य पालन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम कर सकते हैं। इससे उन्हें विस्तार करने में मदद मिलेगी।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)