विदेश की खबरें | भारत को ‘सीएएटीएसए’ प्रतिबंधों से विशिष्ट छूट दिलाने के लिए सांसद रो खन्ना ने पेश किया एक विधेयक
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में एक विधेयक पेश किया है, जिसके पारित होने पर भारत को दंडात्मक ‘सीएएटीएसए’ प्रतिबंधों से विशिष्ट छूट मिल सकती है।
वाशिंगटन, सात सितंबर भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में एक विधेयक पेश किया है, जिसके पारित होने पर भारत को दंडात्मक ‘सीएएटीएसए’ प्रतिबंधों से विशिष्ट छूट मिल सकती है।
खन्ना द्वारा पेश किए गए इस विधेयक में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन से भारत को चीन जैसे आक्रामक रुख वाले देश को रोकने में मदद करने के लिए ‘काउंटरिंग अमेरिकाज़ एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट’ (सीएएटीएसए) से छूट दिलाने के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया गया है।
सीएएटीएसए एक कड़ा अमेरिकी कानून है, जो प्रशासन को रूस से प्रमुख रक्षा उपकरण व साजोसामान खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार देता है। 2014 में रूस के क्रीमिया पर कब्जा करने और 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कथित हस्तक्षेप की जवाबी कार्रवाई में अमेरिका ने 2017 में यह कानून पारित किया था।
भारत ने अक्टूबर 2018 में तत्कालीन डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की चेतावनी के बावजूद एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाइयां खरीदने के लिए रूस के साथ पांच अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। अनुबंध पर आगे बढ़ने पर उसे अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।
खन्ना के अलावा सांसद ब्रैड शेरमैन और डेविड श्वीकर्ट ने भी विधेयक का समर्थन किया है। इसे आवश्यक कार्रवाई के लिए ‘हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी’ को भेज दिया गया है।
विधेयक ने कहा, ‘‘ भारत को रूस-निर्मित हथियार प्रणालियों को बनाए रखने की जरूरत है, बदलाव के दौर में ‘काउंटरिंग अमेरिकाज़ एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट’ के तहत लगे प्रतिबंधों से छूट रूस और चीन की घनिष्ठ साझेदारी के आलोक में आक्रामक रवैये वालों को रोकने के लिए अमेरिका और अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी के हित में है।’’
भारत ने रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली का आयात करना शुरू कर दिया है, जबकि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अब तक सीएएटीएसए के प्रतिबंधों से भारत को छूट देने के संबंध में कोई फैसला नहीं किया है। मौजूदा कानूनों के तहत, राष्ट्रीय हित में राष्ट्रपति देशों को छूट दे सकते हैं।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)