जरुरी जानकारी | मलेशिया में मंदी से अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. विदेशी बाजारों में मिले-जुले रुख के बीच शुक्रवार को देश के तेल-तिलहन बाजारों में सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल की कीमतें गिरावट के साथ बंद हुईं। सोयाबीन तिलहन और मूंगफली तेल तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे।
नयी दिल्ली, पांच अप्रैल विदेशी बाजारों में मिले-जुले रुख के बीच शुक्रवार को देश के तेल-तिलहन बाजारों में सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल की कीमतें गिरावट के साथ बंद हुईं। सोयाबीन तिलहन और मूंगफली तेल तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे।
मलेशिया एक्सचेंज गिरावट के साथ बंद हुआ। यहां शाम का कारोबार बंद था जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में मजबूती देखी गई।
बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि नवरात्रि और शादी-विवाह के मौसम में खुदरा बाजार में खाद्यतेलों की मांग है। लेकिन किसानों की ऊपज सस्ते में खरीद करने के मकसद से बाजार धारणा को खराब करने की कोशिशों के तहत आगे के वायदा अनुबंधों के भाव कम बोले जा रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, सरसों का उत्पादन बढ़ने पर इसकी आवक भी बढ़नी चाहिये लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। दो-तीन दिन पहले सरसों की आवक 9.25 लाख बोरी की थी जो घटकर लगभग नौ लाख बोरी रह गई है। मार्च में एक समय लगभग 16 लाख बोरी की आवक हुई थी।
उन्होंने कहा कि सरकार को सरसों खरीद की रफ्तार बढ़ानी चाहिए ताकि किसानों को सस्ते दाम पर बेचने से बचाया जा सके और उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद का लाभ मिले।
सूत्रों ने कहा कि मूंगफली तेल तिलहन के भाव पूर्ववत हैं लेकिन किसान कम भाव पर इसे बेच नहीं रहे हैं और पेराई मिलों को पेराई करने में चार-पांच रुपये प्रति किलो का नुकसान हो रहा है।
बाजार सूत्रों के मुताबिक, सोयाबीन तिलहन के भाव भी पूर्ववत हैं। लेकिन किसान एमएसपी से दो-चार प्रतिशत नीचे बेच नहीं रहे हैं। इसकी बिकवाली कमजोर है। महाराष्ट्र और आंध्र में सबसे अधिक पोल्ट्री उद्योग है। महाराष्ट्र में संयंत्र वालों ने सोयाबीन तिलहन के दाम में 20 रुपये क्विन्टल की वृद्धि की है। पर मध्य प्रदेश में यह वृद्धि नहीं हुई है। दूसरी ओर हाजिर बाजार में माल की कमी होने से हाजिर मांग काफी बेहतर है।
देश में खाद्य तेलों की कम आपूर्ति की स्थिति बनी हुई है। खाद्यतेलों की आपूर्ति श्रृंखला अभी निकट में दुरुस्त होने की संभावना भी कम है। जबकि खुदरा में खाद्यतेलों की अच्छी मांग है।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 5,385-5,425 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 6,180-6,455 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,000 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,270-2,545 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 10,350 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,755-1,855 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,755 -1,870 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,650 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,400 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 9,400 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,650 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,700 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 9,750 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 4,720-4,740 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,520-4,560 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,075 रुपये प्रति क्विंटल।
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