अमरावती, 13 जनवरी आंध्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) डी जी सवांग ने बुधवार को कहा कि राज्य में कुछ मंदिरों पर हुए हमलों की जांच से सामने आया कि ज्यादातर अपराध खजाना लूटने वालों, अंधविश्वास में यकीन करने वालों, शराब पीने वालों एवं अन्य ने किये।
मंगलागिरि में पुलिस मुख्यालय में डीजीपी ने कहा कि 2020 एवं 2021 में 44 मंदिर अपराध हुए, जिनमें 15 मामले अनसुलझे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इन सभी मामलों में हमने अबतक 80 लोगों को गिरफ्तार किया है तथा 1635 व्यक्तियों को हिरासत में लिया है। अन्य 2979 सांप्रदायिक संदिग्ध भी पकड़े गये।’’
राज्य में कुछ मंदिरों पर हमला होने से एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया और विपक्षी दल वाई एस जगनमोहन रेड्डी सरकार को धर्मस्थलों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाने लगे। मंदिरों में मूर्तियों एवं रथों के साथ तोड़फोड़ की गयी ।
हालांकि, मुख्यमंत्री ने इन हमलों को कल्याणकारी एजेंडा को बाधित करने के लिए उनकी सरकार के खिलाफ ‘साजिश एवं राजनीतिक गुरिल्ला लड़ाई’ करार दिया।
मंदिरों की रक्षा में विफल रहने पर विभिन्न वर्गों के निशाने पर आये डीजीपी ने कहा कि पुलिस ने धर्मस्थलों पर ऐसे हमले रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाये हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मंदिरों की मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने के छह मामले में यह पाया गया कि खजाने पर सेंधमारी करने वाले जिम्मेदार थे और हमने इस सिलसिले में 42 को गिरफ्तार किया।’’
उनके अनुसार तीन मामलों में जमीन पर स्वामित्व के विवाद को लेकर मूर्तियां तोड़ी गयीं।
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