जरुरी जानकारी | विदेशों में सुधार के बीच अधिकांश खाद्यतेल के भाव मजबूत

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. विदेशी बाजारों में सुधार के बीच देश के तेल तिलहन बाजारों में सोमवार को अधिकांश खाद्यतेलों के दाम मजबूत बंद हुए जबकि अधिक दाम पर कम कारोबार होने से मूंगफली तेल तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे। दूसरी ओर विदेशों में सोयाबीन डी-आयल्ड केक (डीओसी) कीमत में गिरावट और डीओसी की स्थानीय मांग कमजोर रहने के कारण सोयाबीन तिलहन में गिरावट देखी गई।

नयी दिल्ली, एक जुलाई विदेशी बाजारों में सुधार के बीच देश के तेल तिलहन बाजारों में सोमवार को अधिकांश खाद्यतेलों के दाम मजबूत बंद हुए जबकि अधिक दाम पर कम कारोबार होने से मूंगफली तेल तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे। दूसरी ओर विदेशों में सोयाबीन डी-आयल्ड केक (डीओसी) कीमत में गिरावट और डीओसी की स्थानीय मांग कमजोर रहने के कारण सोयाबीन तिलहन में गिरावट देखी गई।

मलेशिया और शिकागो एक्सचेंज, दोनों जबह लगभग ढाई प्रतिशत से अधिक की मजबूती है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशों में सोयाबीन तेल के दाम में सुधार हुआ है। सोयाबीन तेल का दाम पहले के 1,040-1,045 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 1,060-1,065 डॉलर प्रति टन हो गया लेकिन इस अनुपात में स्थानीय बाजार में दाम नहीं बढ़े। विदेशों में दाम मजबूत होने के कारण सोयाबीन तेल के दाम मजबूत बंद हुए। दूसरी ओर विदेशों में डीओसी के दाम घटे हैं तथा विदेशों के अलावा डीओसी की स्थानीय मांग भी कमजोर रहने से सोयाबीन तिलहन में गिरावट रही।

सूत्रों ने कहा कि सरसों की कम आवक के बीच कच्ची घानी तेल मिलों की गुणवत्ता वाले सरसों की मांग होने की वजह से सरसों तेल तिलहन भी मजबूत बंद हुए। विदेशों में खाद्यतेलों के दाम मजबूत होने से यहां सीपीओ, पामोलीन और बिनौला (नगण्य स्टॉक) के दाम मजबूत बंद हुए।

सूत्रों ने कहा कि अगर सरकार को मंहगाई की चिंता है तो उसे इस बात पर गौर करना चाहिये कि कांडला बंदरगाह पर जो कच्चा सूरजमुखी और सोयाबीन तेल के आयात की लागत बैठती है वह 85-86 रुपये लीटर है। लेकिन खुदरा बाजार में इसे कोई 140 रुपये, कोई 145 रुपये तो कोई 170 रुपये लीटर बेच रहा है।

उन्होंने कहा कि इस मनमानी पर रोक लगने की जरुरत है। सरकार का दायित्व केवल थोक दाम में कमी लाने की स्थिति बनाना ही नहीं होना चाहिये। खुदरा बाजार में इस मनमानेपन पर भी कार्रवाई के बतौर उसे सरकारी पोर्टल पर अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) की नियमित अंतराल पर उद्घोषणा करना अनिवार्य करना चाहिये। इससे खुदरा उपभोक्ताओं को सीधे तौर पर राहत मिलेगी।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन - 6,040-6,100 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली - 6,250-6,525 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,880 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,250-2,550 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 11,750 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,910-2,010 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,910-2,035 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,350 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,250 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,750 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,600 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 10,400 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,850 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 8,950 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना - 4,560-4,580 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,370-4,490 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,075 रुपये प्रति क्विंटल।

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