रिसर्च में हुआ खुलासा! धूप में ज्यादा समय रहने, कोविड-19 से मौत का खतरा घटने के बीच है जुड़ाव

एक अध्ययन में कहा गया है कि ज्यादा देर तक सूरज की रोशनी में रहने खासकर अल्ट्रावायलेट किरण के संपर्क में आने का जुड़ाव कोविड-19 से कम मौतों के साथ है. ब्रिटेन में एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के मुताबिक अगर आगे शोध में मृत्यु दर में कमी से जुड़ाव का पता चलता है तो सूरज की रोशनी के संपर्क में ज्यादा देर रहने से सामान्य लोक स्वास्थ्य में मदद मिल सकती है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: File Image)

एक अध्ययन में कहा गया है कि ज्यादा देर तक सूरज (Sun) की रोशनी में रहने खासकर अल्ट्रावायलेट किरण (Ultraviolet Rays) के संपर्क में आने का जुड़ाव कोविड-19 (COVID-19) से कम मौतों के साथ है. ब्रिटेन में एडिनबर्ग विश्वविद्यालय (University of Edinburgh) के शोधकर्ताओं के मुताबिक अगर आगे शोध में मृत्यु दर में कमी से जुड़ाव का पता चलता है तो सूरज की रोशनी के संपर्क में ज्यादा देर रहने से सामान्य लोक स्वास्थ्य में मदद मिल सकती है. ‘ब्रिटिश जर्नल ऑफ डर्माटोलोजी’ में प्रकाशित अध्ययन में अमेरिकी महाद्वीप में जनवरी से अप्रैल 2020 के बीच हुई मौतों के साथ उस अवधि में 2474 काउंटी में अल्ट्रावायलेट स्तर की तुलना की गयी. यह भी पढ़ें- WHO की रिपोर्ट- कोरोना वायरस जंतुओं के जरिए मनुष्यों में फैला होगा.

 टीम ने पाया कि अल्ट्रावायलेट किरण के उच्च स्तर वाले इलाके में रहने वाले लोगों के बीच कोविड-19 से कम मौतें हुई. शोधकर्ताओं के मुताबिक इंग्लैंड और इटली में भी इसी तरह के अध्ययन किए गए. शोधकर्ताओं ने उम्र, समुदाय, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, जनसंख्या घनत्व, वायु प्रदूषण, तापमान और स्थानीय इलाके में संक्रमण के स्तर को ध्यान में रखते हुए वायरस से संक्रमित होने और मौत के खतरे का विश्लेषण किया.

शोधकर्ताओं का कहना है कि सूरज की रोशनी में ज्यादा समय तक रहने से त्वचा नाइट्रिक ऑक्साइड को बाहर निकाल देती है. इससे वायरस के आगे बढ़ने की क्षमता संभवत: घट जाती है.

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