नयी दिल्ली, नौ मार्च प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष योशिहिदे सुगा ने मंगलवार को टेलीफोन पर बातचीत की और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के साथ ही ‘‘क्वाड फ्रेमवर्क’’ के तहत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग और बढ़ाने को लेकर चर्चा की।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक दोनों नेताओं ने पिछले कुछ वर्षों में भारत-जापान के बीच विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी में सकारात्मक गति पर संतुष्टि जताई।
सुगा से चर्चा के बाद मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘भारत-जापान विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी की प्रगति पर प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा से फलदायी बातचीत हुई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने समकालीन वैश्विक चुनौतियों पर अपने विचार साझा किए और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए।’’
जापान की सरकार ने इस वार्ता के बारे में कहा कि दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय स्थिति पर अपने विचारों का आदान-प्रदान किया और इस संदर्भ में चीन के विस्तारवादी रवैये की ओर इंगित करते हुए सुगा ने पूर्वी और दक्षिण चीन सागर में यथास्थिति को बदलने के ‘‘एकपक्षीय प्रयासों’’ पर गंभीर चिंता जताई।’’
जापान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने ‘‘पुष्टि की कि वे म्यांमा की स्थिति को लेकर चिंतित’’ हैं।
जापानी सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘‘दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय स्थिति को लेकर अपने विचारों का आदान-प्रदान किया। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री सुगा ने पूर्वी और दक्षिण चीन सागर, चीन के तटीय सुरक्षा कानून और हांगकांग की स्थिति और झिंगजियान उइगर स्वायत्त क्षेत्र (एक्सयूएआर) को लेकर गंभीर चिंता जताई।’’
इस बीच, पीएमओ ने कहा कि मोदी और सुगा ने आपसी हितों के क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर विमर्श किया और सहमति जताई कि दोनों देशों के बीच सहयोग से अन्य साझा चुनौतियों का सामना किया जा सकता है।
दोनों नेताओं ने इस दौरान इस बात का उल्लेख किया कि दोनों देशों के कूटनीतिक रिश्तों की 70वीं वर्षगांठ 2022 में होगी। दोनों नेताओं ने इसे धूमधाम से मनाने पर जोर दिया।
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