देश की खबरें | मॉडलिंग आंकड़ों से जम्मू कश्मीर में वायरस की बड़ी लहर की आशंका नजर नहीं आती: स्वास्थ्य विशेषज्ञ

श्रीनगर, 26 दिसंबर कुछ प्रामाणिक एजेंसियों के मॉडल आधारित आंकड़ों में जम्मू कश्मीर में किसी भी बड़ी कोविड लहर की आशंका नजर नहीं आती। एक विशेषज्ञ ने यह जानकारी देते हुए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है और कहा है कि कई बार मॉडल ‘भयावह तरीके से गलत’ साबित हो सकते हैं।

शेरे कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान (एकेआईएमएस), श्रीनगर के निदेशक डॉ परवेज कौल ने ट्वीट किया, ‘‘प्रामाणिक एजेंसियों (वाशिंगटन विश्वविद्यालय जैसे) से प्राप्त मॉडलिंग आंकड़े जम्मू कश्मीर में आने वाले सप्ताहों में वायरस के कम प्रवाह का पूर्वानुमान व्यक्त करते हैं, लेकिन मॉडल भयावह तरीके से गलत साबित भी हो सकते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए परामर्शों के अनुसार शांति रखिए, नियमित सावधानी बरतिए और अगर टीका नहीं लगवाया है तो लगवा लीजिए। कृपया घबराहट नहीं फैलाएं। सुरक्षा से बचाव होता है। अफसोस जताने के बजाय सुरक्षित रहना बेहतर।’’

कौल ने कहा कि उन्हें जम्मू कश्मीर में कोविड-19 संबंधी चेतावनियां के बारे में लोगों के फोन कॉल आ रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कृपया ध्यान रखें कि जम्मू कश्मीर और पूरे भारत में संक्रमण के मामलों में असामान्य वृद्धि नजर नहीं आ रही। चूंकि सर्दिया हैं, इसलिए कश्मीर में श्वसन संबंधी रोगाणुओं के फैलने का समय है और इसलिए सतर्क एवं सावधान रहना हित में होगा।’’

कौल ने कहा कि चीन में अनेक कारणों से स्थिति अलग है जहां कोविड संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। चीन में हालात अलग हैं। उन्होंने सख्त प्रतिबंध लगाये जिसके कारण लोगों से वायरस का संपर्क बहुत कम रहा और प्राकृतिक संक्रमण से पैदा होने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता कम रही।’’

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