जरुरी जानकारी | अनिश्चित वातावरण के बीच तेल-तिलहन कीमतों में मिला-जुला रुख

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. खाद्य तेलों की थोक मांग कमजोर रहने तथा खुदरा मांग मजबूत रहने के बीच देश के तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को कारोबार का मिला-जुला रुख रहा। एक ओर जहां मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन तिलहन के भाव हानि के साथ बंद हुए वहीं बिनौला तेल में सुधार रहा। सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) तथा पामोलीन तेल के दाम पूर्वस्तर पर ही बने रहे।

नयी दिल्ली, 15 अप्रैल खाद्य तेलों की थोक मांग कमजोर रहने तथा खुदरा मांग मजबूत रहने के बीच देश के तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को कारोबार का मिला-जुला रुख रहा। एक ओर जहां मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन तिलहन के भाव हानि के साथ बंद हुए वहीं बिनौला तेल में सुधार रहा। सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) तथा पामोलीन तेल के दाम पूर्वस्तर पर ही बने रहे।

शिकॉगो एक्सचेंज में घट-बढ़ चल रही है जबकि मलेशिया एक्सचेंज में 2.5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि थोक बाजार में मांग कमजोर है क्योंकि अधिकांश व्यापारियों की वित्तीय स्थिति ऐसी नहीं है कि खाद्य तेलों का स्टॉक जमा रख सकें। दूसरी ओर देश में आयातित तेलों (सोयाबीन डीगम और सूरजमुखी) की प्रीमियम दाम के साथ बिक्री जारी है। देश में नकली बिनौला खल के कारण असली बिनौला की आवक कम है क्योंकि असली बिनौले का खल अपेक्षाकृत मंहगा होने के कारण खपने में दिक्कत है। बिनौले में असली खेल उसके खल का है जो बिनौले की पेराई में तेल से कई गुना ज्यादा निकलता है। इसी खल को बेचने से किसानों को लाभ मिल पाता है। लेकिन जब नकली खल सस्ते में बिकेगा तो असली बिनौले की कोई कैसे पेराई करने में रुचि लेगा जिसके खल का बिकना मुश्किल हो। ऐसी स्थिति में बाजार में बिनौले की आवक कम रहने से बिनौला तेल थोक कीमतों में सुधार है। वैसे अगले 20-25 दिन में बिनौले की बिजाई शुरू होगी लेकिन बाजार का यही हाल रहा तो किसानों में बिजाई के प्रति उत्साह कम होगा।

सूत्रों ने कहा कि मंडियों में सरसों की आवक में अपेक्षा के अनुरूप बढ़ोतरी नहीं हुई और यह शनिवार के सवा सात लाख बोरी की जगह महज सवा आठ लाख बोरी ही रही। जबकि छुट्टियों के बाद अपेक्षा की जा रही थी कि आवक में तेजी आएगी। इन परिस्थितियों के बीच सरसों तेल-तिलहन के थोक भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।

उन्होंने कहा कि माल की उपलब्धता की कमी के बीच सीपीओ और पामोलीन के थोक भाव भी पूर्वस्तर पर बंद हुए। ऊंचे भाव पर लिवाल नहीं होने के कारण मूंगफली तेल-तिलहन के थोक भाव भी पूर्वस्तर पर बंद हुए।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन - 5,340-5,380 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली - 6,080-6,355 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,600 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,220-2,485 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 10,075 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,720-1,820 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,720 -1,835 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,400 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,050 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,700 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 9,425 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,750 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,625 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 9,650 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना - 4,885-4,905 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,685-4,725 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,075 रुपये प्रति क्विंटल।

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