बेंगलुरू, 29 अप्रैल कर्नाटक के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री उमेश कट्टी की आलोचना करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने उन्हें कैबिनेट से निकालने की मांग की। कट्टी ने पीडीएस योजना के तहत और चावल मांगने वाले एक व्यक्ति को कथित तौर पर मर जाने को कहा था।
सिद्धरमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह किसी जिम्मेदार मंत्री का बयान नहीं हो सकता है। मैं इसकी घोर निंदा करता हूं और मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा से मांग करता हूं कि उमेश कट्टी को कैबिनेट से बाहर करें।’’
वह कट्टी की कथित टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए जन वितरण प्रणाली के तहत और अधिक चावल मांगने वाले गडाग के एक किसान को उन्होंने मर जाने के लिए कहा था।
भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘जब हम सत्ता में थे तो हम लोगों की रक्षा के लिए उन्हें सात किलोग्राम चावल देते थे लेकिन ये लोग (सत्तारूढ़ भाजपा) इस हद तक गिर गए हैं कि चावल का कोटा घटाकर लोगों से मरने के लिए कह रहे हैं।’’
सिद्धरमैया ने कहा कि कट्टी को मंत्री बने रहने का नैतिक हक नहीं है जो चावल मांगने वाले लोगों से मरने के लिए कह रहे हैं और ‘‘इस तरह का बयान उकसाने जैसा है (आत्महत्या के लिए)।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने मांग की कि इस लॉकडाउन के दौरान हर व्यक्ति को दस किलोग्राम चावल दिया जाना चाहिए।
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘दस किलोग्राम चावल देने में गलत क्या है? उन्हें दीजिए। सरकार लोगों की रक्षा करने के लिए होती है। मैं मांग करता हूं कि सरकार हर महीने हर व्यक्ति को दस किलोग्राम चावल देने के लिए तुरंत कदम उठाए।’’
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