देश की खबरें | युद्धों को रोकने के लिए सैन्य शक्ति, क्षमताएं आवश्यक: सेना प्रमुख

नयी दिल्ली, 23 अप्रैल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने वर्तमान भू-रणनीतिक परिदृश्य में ‘‘अभूतपूर्व’’ पैमाने व गति से बदलाव होने का उल्लेख करते हुए मंगलवार को कहा कि युद्धों को रोकने के लिए सैन्य ताकत और क्षमताएं जरूरी हैं।

हाल के भू-राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन ने दिखाया है कि जहां राष्ट्रीय हितों का सवाल है, देश युद्ध लड़ने से ‘‘संकोच नहीं’’ करेंगे। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि इन घटनाक्रमों ने सैन्य शक्ति के महत्व की फिर से पुष्टि की है।

सेना प्रमुख ने एआईएमए राष्ट्रीय नेतृत्व संगोष्ठी में भाग लिया और ‘सैन्य शक्ति : आत्मनिर्भरता के माध्यम से बलों का आधुनिकीकरण’ विषय पर अपनी बात रखी।

उन्होंने कहा कि किसी राष्ट्र का समग्र उत्थान तब हो सकता है जब उसकी “व्यापक राष्ट्रीय शक्ति” में उल्लेखनीय और निरंतर वृद्धि होती है।

सेना प्रमुख ने कहा कि “आर्थिक शक्ति” राष्ट्र के विकास का स्रोत है, वहीं “सैन्य ताकत” इसे “परिणामों को प्रभावित करने” की क्षमता प्रदान करती है जो देश के विविध हितों की रक्षा के लिए आवश्यक है।

उन्होंने कहा, युद्ध को रोकने या “विश्वसनीय प्रतिरोध” करने के साथ-साथ “संघर्ष के पूरे परिदृश्य” में आवश्यकता पड़ने पर खतरों का मजबूती से जवाब देने और युद्ध जीतने के लिए सैन्य ताकत और क्षमताएं आवश्यक हैं।

उन्होंने ‘आत्मनिर्भरता’ या आत्मनिर्भरता के माध्यम से सैन्य शक्ति की क्षमताओं को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कारकों को भी रेखांकित किया।

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