लॉकडाउन के बीच चीनी मिल के प्रवासी मजदूरों को सशर्त यात्रा की इजाजत दी जाएगी :मुंडे
मंत्री के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि 1.31 लाख चीनी मिल मजदूर राज्य में 38 चीनी मिलों के परिसरों में बने अस्थायी आवास में रह रहे हैं, जबकि कई अन्य मजदूर दूसरे स्थानों पर फंसे हुए हैं।
मुंबई, 17 अप्रैल महाराष्ट्र सरकार ने लॉकडाउन के बीच चीनी मिलों के एक लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को अपने-अपने गांव लौटने की इजाजत देने का फैसला किया है। साथ ही, उनकी कोविड-19 की जांच कराई जाएगी। राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे ने शुक्रवार को यह बताया।
मंत्री के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि 1.31 लाख चीनी मिल मजदूर राज्य में 38 चीनी मिलों के परिसरों में बने अस्थायी आवास में रह रहे हैं, जबकि कई अन्य मजदूर दूसरे स्थानों पर फंसे हुए हैं।
हालांकि, इन प्रवासी मजदूरों को अपने गांव लौटने की इजाजत देने से एक जिले से दूसरे जिले में भारी संख्या में लोगों की आवाजाही होगी।
मुंडे ने ट्वीट किया, ‘‘चीनी मिलों में काम करने वाले मेरे भाइयों, आपके लिये एक अच्छी खबर है! आप अब अपने घर (गांव) लौट सकते हैं। सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।’’
सरकार के इस फैसले से बीड और अहमदनगर के मजदूरों को फायदा होगा जो पश्चिमी महाराष्ट्र, कर्नाटक से लगे सीमावर्ती क्षेत्रों और राज्य के अन्य हिस्सों में फंसे हुए हैं।
बयान में कहा गया है कि चीनी मिलों के मालिकों को इन मजदूरों और उनके परिजनों की जांच करानी होगी।
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