देश की खबरें | ‘मेरी माटी, मेरा देश’ अभियान नहीं, भारतीय संस्कृति है : कलराज मिश्र
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने रविवार को कहा कि 'मेरी माटी, मेरा देश' एक अभियान नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति है।
जयपुर, 29 अक्टूबर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने रविवार को कहा कि 'मेरी माटी, मेरा देश' एक अभियान नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति है।
उन्होंने कहा कि जो लोग अपनी मिट्टी से प्यार करते हैं, वही सार्थक जीवन जीते हैं।
मिश्र ने इस अभियान के तहत राजस्थान के हर गांव से मिट्टी एकत्र कर उसे एक कलश में रखकर राजधानी दिल्ली में बन रही अमृत वाटिका में भेजने को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इससे राजस्थान की संस्कृति की खुशबू और यहां का गौरव फैलेगा।
मिश्र रविवार को राजभवन में भारतीय डाक विभाग की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय समारोह 'मेरी माटी, मेरा देश' को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने अभियान के दूसरे चरण के तहत ब्लॉक एवं जिला स्तर पर करीब 45 हजार गांवों से होते हुए राजधानी जयपुर पहुंची अमृत कलश यात्रा से जुड़े सभी लोगों का स्वागत एवं अभिनंदन किया।
मिश्र ने कहा कि 'मिट्टी को नमन, वीरों का वंदन' एक अभिनव पहल है, जो लोगों के मन में राष्ट्रवाद की भावना भरती है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में स्थानीय प्रशासन और नेहरू युवा केंद्र जैसे संगठनों ने लगभग सभी गांवों में इसके तहत वीरों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किेए हैं।
मिश्र ने स्मारक के रूप में 11,814 'शिलाफलकम' के निर्माण और शहीदों के नाम अंकित करने के कार्य को अभूतपूर्व बताया।
उन्होंने कहा कि 'मेरी माटी, मेरा देश' अभियान एक बहुत ही सार्थक पहल है, क्योंकि इसके माध्यम से राजस्थान में वसुधा वंदन के तहत वृक्षारोपण की महत्वपूर्ण कवायद की गई है, जिससे आने वाले समय में यहां पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उल्लेखनीय बदलाव आएगा।
'आजादी के अमृत महोत्सव' पर राज्यपाल ने 'मेरी माटी मेरा देश' अभियान के जरिये वीरों को सम्मानित करने का वादा किया, जो देश की एकता और अखंडता के साथ-साथ लोगों को संस्कृति के गौरव का अनुभव कराने से जुड़ा है।
इससे पहले, राज्यपाल ने संविधान की प्रस्तावना और उसमें प्रदत्त मौलिक अधिकारों का वाचन किया।
वहीं, राज्य की मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने 'आजादी के अमृत महोत्सव' के तहत 'मेरी माटी मेरा देश' अभियान के प्रथम चरण में बनाए गए 'शिलाफलकम' के निर्माण और उससे जुड़े कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। अमृत वाटिकाओं में पौधारोपण भी किया गया।
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