देश की खबरें | विधायिका के सदस्यों को संविधान सभा में देखे गए आचरण का पालन करना चाहिए: उपराष्ट्रपति धनखड़

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. संसद के शीतकालीन सत्र से पहले राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को विधायिका के सभी सदस्यों से देश की संविधान सभा में देखे गए व्यवहार का पालन करने का आग्रह किया, जिसके तीन साल के कार्यकाल के दौरान "लेशमात्र भी व्यवधान" नहीं हुआ था।

Close
Search

देश की खबरें | विधायिका के सदस्यों को संविधान सभा में देखे गए आचरण का पालन करना चाहिए: उपराष्ट्रपति धनखड़

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. संसद के शीतकालीन सत्र से पहले राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को विधायिका के सभी सदस्यों से देश की संविधान सभा में देखे गए व्यवहार का पालन करने का आग्रह किया, जिसके तीन साल के कार्यकाल के दौरान "लेशमात्र भी व्यवधान" नहीं हुआ था।

एजेंसी न्यूज Bhasha|
देश की खबरें | विधायिका के सदस्यों को संविधान सभा में देखे गए आचरण का पालन करना चाहिए: उपराष्ट्रपति धनखड़

नयी दिल्ली, दो दिसंबर संसद के शीतकालीन सत्र से पहले राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को विधायिका के सभी सदस्यों से देश की संविधान सभा में देखे गए व्यवहार का पालन करने का आग्रह किया, जिसके तीन साल के कार्यकाल के दौरान "लेशमात्र भी व्यवधान" नहीं हुआ था।

यहां आकाशवाणी रंग भवन में राजेंद्र प्रसाद स्मृति व्याख्यान-2023 में उपराष्ट्रपति धनखड़ ने यह भी कहा कि देश में एक बड़ा बदलाव आया है, जो 2014 में शुरू हुआ था।

धनखड़ ने कहा, “मैं राजनीति की ओर इशारा नहीं कर रहा। लेकिन भारत जैसे विशाल देश में अगर राजनीतिक स्थिरता हो तो लोगों की प्रतिभाएं सही दिशा में आगे बढ़ती हैं। तीन दशक बाद 2014 में वो मौका आया जब भारत को एक मजबूत एकदलीय सरकार मिली।”

उन्होंने कहा, “और परिणाम क्या हुआ? भारत में निर्मित यूपीआई को कई देशों ने अपनाया है, भारत विश्व स्तर पर नए मानक स्थापित कर रहा है जिसे दुनिया ने मान्यता दी है, भारत एजेंडा तय करने वाला बन गया है। दुनिया हमारी तरफ देख रही है कि किसी मुद्दे पर हमारा क्या नजरिया है।”

संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप में राजेंद्र प्रसाद के तीन साल के कार्यकाल की सराहना करते हुए धनखड़ ने कहा कि उन्होंने सदन को इस तरह चलाया कि प्रत्येक सदस्य अपनी प्रतिभा का भरपूर प्रदर्शन कर सका।

उन्होंने कहा, "समस्याएं, मतभेद और अलग-अलग दृष्टिकोण थे, लेकिन तीन साल तक आपने (भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद) सदन को इस तरह से चलाया, जिसकी वजह से हमें अद्भुत संविधान मिला। संविधान सभा के तीन वर्षों में लेशमात्र भी व्यवधान नहीं हुआ, सकारात्मक चर्चा हुई। इसमें शायद ही कोई व्यवधान था और सर्वसम्मति ही इसका आधार थी।”

उन्होंने कहा, "मैं इस मंच से विधायिका के सभी सदस्यों से आग्रह करता हूं कि उन्हें संविधान सभा के आचरण का पालन करना चाहिए। यह हमारे देश और दुनिया के लिए फायदेमंद होगा।"

भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए संविधान सभा की स्थापना की गई थी। इसकी पहली बैठक 9 दिसंबर, 1946 को नयी दिल्ली में हुई और इसका अंतिम सत्र 24 जनवरी, 1950 को आयोजित किया गया।

धनखड़ की टिप्पणी सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले आई है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

शहर पेट्रोल डीज़ल
New Delhi 96.72 89.62
Kolkata 106.03 92.76
Mumbai 106.31 94.27
Chennai 102.74 94.33
View all
Currency Price Change
Google News Telegram Bot
Close
Latestly whatsapp channel
Close
Latestly whatsapp channel