देश की खबरें | महबूबा मुफ्ती ने नेकां पर पीएजीडी को ‘मजाक’ में बदलने का आरोप लगाया

(तस्वीर के साथ)

श्रीनगर, आठ मार्च फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कान्फ्रेंस (नेकां) द्वारा कश्मीर की तीन लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने के एकतरफा फैसले के बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को नेकां पर गुपकर घोषणापत्र को ‘‘मजाक’’ में बदलने का आरोप लगाया।

गुपकर घोषणापत्र (पीएजीडी) पांच राजनीतिक दलों का गठबंधन है, जो जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली की मांग कर रहा है। केंद्र ने 2019 में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द कर दिया था।

यहां पार्टी कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि नेकां का फैसला ‘‘निराशाजनक और जम्मू-कश्मीर के लोगों की उम्मीदों को झटका है।’’

जब मुफ्ती से पूछा गया कि क्या नेकां के फैसले का मतलब गठबंधन का टूट जाना है, पीडीपी प्रमुख ने कहा, ‘‘उमर (अब्दुल्ला) ने खुद कहा है कि पीडीपी गठबंधन से बाहर है। आप देख सकते हैं कि किसने गठबंधन तोड़ा है। हमने नहीं तोड़ा। यह एक अनोखा गठबंधन था, इसे टूटते हुए देखना निराशाजनक है। उन्होंने पीएजीडी को मजाक में बदल दिया है।’’

नेकां ने घोषणा की है कि पार्टी कश्मीर घाटी की सभी तीन लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ेगी और इसने कांग्रेस से जम्मू क्षेत्र की दो सीट पर चुनाव लड़ने को कहा है। पार्टी ने यह भी कहा है कि लद्दाख सीट पर साझा उम्मीदवार होगा।

जम्मू और कश्मीर में पांच लोकसभा सीट हैं, जिनमें दो जम्मू क्षेत्र से हैं वहीं लद्दाख में एक सीट है। पिछले आम चुनाव में, नेकां ने घाटी की सभी तीन सीट जीती थी, वहीं भाजपा ने जम्मू की दो सीट के साथ-साथ लद्दाख की एकमात्र सीट भी जीती थी।

मुफ्ती ने हालांकि कहा कि पीडीपी अब भी ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा है और पार्टी कांग्रेस के साथ भविष्य की रणनीति पर चर्चा करेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम कांग्रेस के साथ चर्चा करेंगे और एकतरफा फैसला नहीं लेंगे। हम पार्टी के भीतर भी इस (लोकसभा चुनाव लड़ना) पर विचार-विमर्श करेंगे और जल्द ही फैसला लेंगे।’’

पीडीपी प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी पीएजीडी के माध्यम से देश को यह संदेश देना चाहती है कि जम्मू-कश्मीर में पार्टियां एकजुट हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जब ‘इंडिया’ गठबंधन ने आकार लिया, तो मैंने उनसे (सहयोगी दलों) कहा कि फारूक अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर में सीट बंटवारे पर फैसला लेंगे क्योंकि वह सबसे वरिष्ठ नेता हैं। जम्मू-कश्मीर के लोगों को पीएजीडी और ‘इंडिया’ गठबंधन से उम्मीदें थीं। लेकिन, नेकां का फैसला एक बहुत बड़ा झटका है।’’

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