देश की खबरें | शाही ईदगाह विवाद को लेकर मस्जिद समिति की न्यायालय में याचिका सुनवाई योग्य नहीं: हिंदू पक्षकार
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नयी दिल्ली, नौ दिसंबर हिंदू पक्षकारों ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में एकल न्यायाधीश द्वारा याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ मस्जिद समिति खुद इलाहाबाद उच्च न्यायालय जा सकती थी।
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने अधिवक्ता बरुण सिन्हा की दलील सुनी, जिन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष की दलील शीर्ष अदालत में इस चरण में विचार योग्य नहीं है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने एक अगस्त को शाही मस्जिद ईदगाह न्यास की प्रबंधन समिति की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें मथुरा में मंदिर-मस्जिद विवाद से संबंधित 15 मामलों की विचारणीयता को चुनौती दी गई थी। अदालत ने फैसला सुनाया था कि शाही ईदगाह के धार्मिक चरित्र को निर्धारित करने की आवश्यकता है।
सिन्हा ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के नियमों का हवाला दिया और दलील दी, ‘‘इलाहाबाद उच्च न्यायालय के नियमों के अध्याय आठ के मद्देनजर, उच्च न्यायालय की खंडपीठ के समक्ष एक विशेष अपील स्वीकार्य होगी।’’
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश पीठ के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील सुनवाई योग्य नहीं है और उच्च न्यायालय में अंतर-न्यायालय अपील दायर की जानी चाहिए थी। वकील ने याचिका खारिज करने का अनुरोध किया।
पीठ शीतकालीन अवकाश के बाद सुनवाई फिर से शुरू करेगी।
हिंदू पक्ष द्वारा दायर किये गए मामलों में औरंगजेब के शासनकाल के समय की मस्जिद को हटाने की मांग की गई है। उसका दावा है कि वहां पहले से मौजूद एक मंदिर को ध्वस्त करने के बाद यह मस्जिद बनाई गई थी।
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