विनोबा भावे और स्वामी विवेकानंद से मानव जाति को बहुत कुछ सीखने को मिलता है: PM नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इतिहास में दर्ज उन दो अहम घटनाओं, विनोबा भावे की जयंती तथा स्वामी विवेकानंद के शिकागो में दिए गए विश्व विख्यात संबोधन, को याद किया जो आज के दिन को भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण बनाती हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों महापुरुषों से पूरी मानवता को बहुत कुछ सीखने को मिलता है.
नई दिल्ली, 11 सितंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को इतिहास में दर्ज उन दो अहम घटनाओं, विनोबा भावे की जयंती तथा स्वामी विवेकानंद के शिकागो में दिए गए विश्व विख्यात संबोधन, को याद किया जो आज के दिन को भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण बनाती हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों महापुरुषों से पूरी मानवता को बहुत कुछ सीखने को मिलता है. मोदी ने ट्वीट कर कहा कि पूरी दुनिया 9/11 (11 सितंबर) को अमेरिका में हुए भयावह आतंकी हमलों के लिए याद करती है. उन्होंने कहा कि यदि इंसान विवेकानंद द्वारा उन्नीसवीं सदी में दिए गए विश्व-बंधुत्व के संदेश और भावे के 'जय जगत' के नारे द्वारा प्रशस्त राह का अनुसरण करता तो यह तबाही नहीं मचती.
प्रधानमंत्री ने कहा, "आज 11 सितंबर को हम भारत में दो महत्वपूर्ण घटनाक्रमों को याद करते हैं. आचार्य विनोबा भावे की जयंती और स्वामी विवेकानंद द्वारा शिकागो में दिया गया उल्लेखनीय संबोधन. इन दोनों महापुरुषों से पूरी मानवजाति को बहुत कुछ सीखने को मिलता है." भावे को 125वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "1918 में महात्मा गांधी ने भावे के बारे में लिखा था, मैं नहीं जानता कि आपकी प्रशंसा किन शब्दों में करूं. आपका प्रेम और चरित्र तथा आत्म निरीक्षण मुझे मोहित करता है. मैं आपके महत्व का आकलन करने के योग्य नहीं हूं."
उन्होंने कहा कि 1893 में दिया गया विवेकानंद का संदेश भारत के लोकाचार एवं मूल्यों की भावना को समुचित तरीके से प्रदर्शित करता है, जो हमारी भूमि के अभिन्न अंग हैं. उन्होंने युवाओं से स्वामी विवेकानंद के संबोधन को पढ़ने की अपील की तथा संबोधन का लिंक भी टैग किया.
प्रधानमंत्री ने कहा, "दुनिया 9/11 को अमेरिका में हुए भयावह हमले के लिए याद करती है. यदि मानवजाति आचार्य विनोबा भावे के बताए जय जगत के मार्ग पर चलती और स्वामी विवेकानंद द्वारा 1893 में दिए विश्व-बंधुत्व के संदेश में बताए मार्ग का अनुसरण करती तो जो तबाही मची, वह नहीं होती."
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