देश की खबरें | मणिपुर को दो समुदायों के बीच तत्काल शांति और समझ की जरूरत है: मुख्यमंत्री
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बुधवार को कहा कि पिछले साल मई से जातीय हिंसा की चपेट में रहे राज्य को तत्काल शांति की जरूरत है और उन्होंने दोनों समुदायों से समझौता करने की अपील की।
इंफाल, 25 दिसंबर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बुधवार को कहा कि पिछले साल मई से जातीय हिंसा की चपेट में रहे राज्य को तत्काल शांति की जरूरत है और उन्होंने दोनों समुदायों से समझौता करने की अपील की।
सिंह ने यह भी कहा कि तीन मई 2023 को हिंसा भड़कने से पहले राज्य विकास और सुशासन के सही रास्ते पर था और उसने जी-20 बैठकों, मिस इंडिया प्रतियोगिता और त्रि-राष्ट्र फुटबॉल टूर्नामेंट सहित कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कार्यक्रमों की मेजबानी की थी।
सिंह ने यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश मुख्यालय में सुशासन दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा इस पूर्वोत्तर राज्य को बचा सकती है, क्योंकि वह मिल-जुलकर रहने के विचार में विश्वास करती है।
सिंह ने कहा, ‘‘मणिपुर में आज जो कुछ हो रहा है उसके कई कारण हैं। आज, जो लोग राज्य को बांटने की कोशिश कर रहे हैं, वे पूछ रहे हैं कि सरकार क्या कर रही है...वे सत्ता के भूखे हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मीयामगी नुमित’ (पीपुल्स डे) जैसी कई पहल शुरू की गई हैं, जिसका उद्देश्य लोगों और अधिकारियों को करीब लाना है।
उन्होंने कहा, “हम किसी खास समुदाय के खिलाफ नहीं हैं। भाजपा का रुख स्पष्ट है। हम साथ रहने के विचार में विश्वास करते हैं। हमने पुलिस और लोगों के बीच संबंध बनाने शुरू कर दिए हैं।”
सिंह ने कहा कि राज्य सरकार प्रशासन के विभिन्न स्तरों पर समितियां बनाकर आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।
उन्होंने कहा, “हमने कभी कोई गलत काम नहीं किया है। हम केवल भावी पीढ़ियों को बचाना चाहते थे। दोनों समुदायों को शांत रहने की जरूरत है। अतीत को देखने के बजाय, हमें आगामी एनआरसी प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, जिसमें बायोमेट्रिक्स लिये जाएंगे और 1961 को ‘इनर लाइन परमिट’ का आधार वर्ष माना जाना चाहिए।”
सिंह ने कहा, “हम लोकतांत्रिक और संवैधानिक तरीके से अपना काम जारी रखेंगे। इसमें समय लगेगा। अभी हमें तत्काल शांति की जरूरत है और दोनों समुदायों के बीच समझ की जरूरत है, जिन्होंने एक-दूसरे को गलत समझा है।“
वहीं, मुख्यमंत्री सचिवालय में आयोजित सुशासन दिवस कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए उन्होंने मुख्य सचिव समेत सरकारी अधिकारियों की सराहना की, जिन्होंने सरकार के सुशासन के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए काम किया।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन को 2014 में पहली मोदी सरकार के तहत 'सुशासन दिवस' के रूप में घोषित किया गया था।
उन्होंने कहा, “जब 2017 में मेरी सरकार सत्ता में आई थी, तब राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी और मेरी प्राथमिकता सुशासन देना थी।”
सिंह ने दोहराया, “मणिपुर तीन मई, 2023 से पहले विकास और सुशासन के सही पथ पर था” और उल्लेख किया कि राज्य ने जी-20 कार्यक्रम, मिस इंडिया प्रतियोगिता और त्रि-राष्ट्र फुटबॉल टूर्नामेंट की मेजबानी की थी।
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