खेल की खबरें | वजन का प्रबंधन करना एथलीट की जिम्मेदारी है : मैरीकॉम

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Sports at LatestLY हिन्दी. छह बार की विश्व चैम्पियन मुक्केबाज एम सी मैरीकॉम ने बृहस्पतिवार को पेरिस ओलंपिक में 100 ग्राम से अधिक वजन होने के कारण पहलवान विनेश फोगाट को हुई निराशा को लेकर इस विवाद पर कहा कि निर्धारित सीमा के भीतर वजन बनाये रखना खिलाड़ी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी है।

मुंबई, तीन अक्टूबर छह बार की विश्व चैम्पियन मुक्केबाज एम सी मैरीकॉम ने बृहस्पतिवार को पेरिस ओलंपिक में 100 ग्राम से अधिक वजन होने के कारण पहलवान विनेश फोगाट को हुई निराशा को लेकर इस विवाद पर कहा कि निर्धारित सीमा के भीतर वजन बनाये रखना खिलाड़ी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी है।

चार बच्चों की मां और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मैरीकॉम (42 वर्ष) ने यहां एक कार्यक्रम के इतर पहली बार विनेश के बारे में बोलते हुए कहा कि पेरिस ओलंपिक में समय सीमा में वजन का प्रबंधन करना एथलीट की जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इतनी निराश हुई थी कि मैंने भी पिछले इतने वर्षों से यही वजन प्रबंधन किया है। वजन महत्वपूर्ण होता है, यह मेरी जिम्मेदारी है। मैं किसी अन्य को दोषी नहीं ठहरा सकती। ’’

मैरीकॉम ने कहा, ‘‘मैं उसके (विनेश) मामले में यह नहीं कहना चाहती हूं। मैं यह सिर्फ अपने मामले में ही कह रही हूं। अगर मैं अपना वजन ही सही तरह से नहीं घटा पाऊंगी तो मैं कैसे खेलूंगी? मैं वहां पदक जीतने के लिए थी, मुझे ऐसा ही लगता है। ’’

मैरीकॉम पहले भी अपने वजन कम करने का रूटीन बता चुकी हैं कि यह प्रक्रिया कितनी मुश्किल हो सकती है। मणिपुर की इस मुक्केबाज ने पिन वेट (46 किग्रा) वर्ग से शुरूआत की और फिर अपने अमेच्योर कैरियर में फ्लाईवेट (51 किग्रा) वजन में खेलने लगीं।

पेरिस में स्वर्ण पदक दावेदार मानी जा रही विनेश ने खाना पीना छोड़कर पूरी रात ‘वर्कआउट’ किया और अपने बाल भी कटाये लेकिन फिर भी वह 100 ग्राम से चूक गईं।

मैरीकॉम खेल मंत्री मनसुख मांडविया से भारतीय मुक्केबाजी पर चर्चा करना चाहती हैं क्योंकि वह पेरिस ओलंपिक में देश के मुक्केबाजी अभियान से अब तक नाखुश हैं। उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय महासंघ और खेल मंत्री से मिलकर बात करके समझना चाहती हूं कि ‘किस चीज की कमी’ हो रही है।

भारतीय मुक्केबाजी दल में दो बार की विश्व चैम्पियन निकहत जरीन और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन शामिल थीं लेकिन देश के नाम एक भी पदक नहीं हो सका।

लंदन 2012 ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर भारत की ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली महिला मुक्केबाज बनी मैरीकॉम ने कहा, ‘‘हम नतीजा जानते हैं, यह बहुत बुरा था। मैं जानना चाहती हूं कि किस चीज की कमी है। ’’

राज्यसभा की पूर्व सदस्य मैरीकॉम कहा, ‘‘अगर जरूरत पड़ी तो मैं मुक्केबाजों से भी मिलूंगी। अगर खेल मंत्री को इसकी जानकारी है तो मैं उनसे भी इस पर चर्चा करना चाहूंगी। ’’

उन्होंने यह भी दोहराया कि वह पेशेवर मुक्केबाजी में हिस्सा लेना चाहती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अभी तक संन्यास नहीं लिया है लेकिन मैं हिस्सा लेना चाहती हूं। मैं मौके हासिल करने की कोशिश कर रही हूं, पेशवेर मुक्केबाजी में लड़ने के लिए अपने मौके का इंतजार कर रही हूं। मैं वापसी करना चाहती हूं। ’’

मैरीकॉम ने कहा, ‘‘मैं तीन-चार साल और जारी रह सकती हूं, यही मेरी इच्छा है। मेरे अंदर जुनून और भूख है और मैं जारी करना चाहती हूं। ’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\