CM ममता ने भाजपा के CAA एजेंडे के खिलाफ लोगों को चेतावनी दी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव से पहले संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) का मुद्दा उठाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना की और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को 'एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) के जाल' में फंसने से बचने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा कथित तौर पर जारी किए गए अलग-अलग पहचान पत्र स्वीकार करने के प्रति आगाह किया.
कूच बिहार/सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल), 30 जनवरी : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने लोकसभा चुनाव से पहले संशोधित नागरिकता अधिनियम (CAA) का मुद्दा उठाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना की और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को 'एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) के जाल' में फंसने से बचने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा कथित तौर पर जारी किए गए अलग-अलग पहचान पत्र स्वीकार करने के प्रति आगाह किया. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कूच बिहार में स्थानीय लोगों, विशेषकर राजबोंग्शी लोगों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि उनके नाम मतदाता सूची में हों ताकि वे सीएए से ‘‘खुद को बचा’’ सकें.
बीएसएफ ने ममता बनर्जी की सुरक्षा बल के खिलाफ टिप्पणी को खारिज कर दिया और कहा कि बीएसएफ कभी भी अलग से पहचान पत्र जारी नहीं करता. ममता ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव से पहले राजनीति करने के लिए सीएए का मुद्दा उठा रही है. ममता ने कहा, ''उन्होंने (भाजपा) फिर से सीएए के बारे में बोलना शुरू कर दिया. यह राजनीति के अलावा और कुछ नहीं है. हमने सभी को नागरिकता दी और उन्हें (सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को) सब कुछ मिल रहा है. वे नागरिक हैं, इसलिए उन्हें वोट करने की अनुमति दी गयी.'' केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता शांतनु ठाकुर ने रविवार को दावा किया कि अगले सात दिन के भीतर पूरे भारत में सीएए लागू कर दिया जाएगा. ठाकुर ने दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप में एक जनसभा में कहा था, ''अगले सप्ताह के भीतर, सीएए न केवल पश्चिम बंगाल में बल्कि पूरे देश में लागू किया जाएगा.'' यह भी पढ़ें : Lalu Yadav Interrogation by ED: लालू प्रसाद यादव 10 घंटे की पूछताछ के बाद ED दफ्तर से घर लौटे
कूचबिहार में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ममता ने बीएसएफ पर 'लोगों को प्रताड़ित करने और सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को अलग पहचान पत्र जारी करने' का भी आरोप लगाया. उन्होंने स्थानीय लोगों को आगाह किया कि वे बीएसएफ से ऐसे पहचान पत्र स्वीकार न करें, अन्यथा वे 'एनआरसी के जाल में फंस जाएंगे'. ममता ने कहा, ''बीएसएफ लोगों पर अत्याचार कर रही है. वह सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को अलग पहचान पत्र जारी करने की कोशिश कर रही है. इन कार्ड को कभी स्वीकार न करें.''
उन्होंने कहा, ''अगर वे आपसे पूछें, तो उन्हें बताएं कि आपके पास आधार व राशन कार्ड हैं और आपको किसी अन्य कार्ड की आवश्यकता नहीं है. अगर आप उनके कार्ड को स्वीकार करते हैं, तो आप एनआरसी के जाल में फंस जाएंगे और (वे) आपको (नागरिक सूची) बाहर कर देंगे. लेकिन डरो मत.. मैं तुम्हारी रक्षा के लिए शेरनी की तरह हमेशा मौजूद हूं.'' मुख्यमंत्री के आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीएसएफ के पुलिस उपमहानिरीक्षक (पूर्वी कमान) एसएस गुलेरिया ने 'पीटीआई-' से कहा, ''बीएसएफ ने कभी भी कोई अलग पहचान पत्र जारी नहीं किया. हम सीमा से लगे इलाकों में केवल आधार, पैन, मतदाता पहचान पत्र और पासपोर्ट जैसे केंद्र सरकार द्वारा अनुमति वाले पहचान पत्र ही स्वीकार करते हैं.''