कोलकाता, 27 मई पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य में चक्रवात रेमल के प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की और आपदा के दौरान अपेक्षाकृत जान-माल के कम नुकसान की वजह प्रशासन द्वारा उठाए गए पर्याप्त एहतियाती कदमों को बताया।
चक्रवात से जुड़ी घटनाओं में पांच लोगों की मौत को लेकर बनर्जी ने प्रभावित परिवारों के लिए तत्काल मुआवजे की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रशासन फसल और संपत्ति के नुकसान के लिए सहायता वितरित करने में कानूनी प्रावधानों का पालन करेगा।
उन्होंने आदर्श आचार संहिता हटने के बाद इन मुद्दों पर और अधिक व्यापक रूप से ध्यान देने का वादा किया।
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, "पश्चिम बंगाल एक तटीय राज्य है। हर साल हमें विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है। इस बार चक्रवात रेमल के प्रभाव के कारण हमारे राज्य को बहुत नुकसान हुआ है।"
मुख्यमंत्री ने कहा, "लेकिन सबसे ऊपर, मानव जीवन है। सौभाग्य से और निश्चित रूप से राज्य प्रशासन के कार्यों के कारण इस बार जनहानि अपेक्षाकृत कम है। मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। मुआवजे के रूप में वित्तीय सहायता उनके परिजनों तक जल्द ही पहुंच जाएगी।”
उन्होंने बताया, "फसलों और घरों को हुए नुकसान के मुआवजे का वितरण प्रशासन द्वारा कानून के मुताबिक होगा और चुनाव आचार संहिता हटने के बाद हम इन सभी मुद्दों पर अधिक गंभीरता से विचार करेंगे।"
मुख्यमंत्री ने सोमवार को सुंदरबन और राज्य के अन्य तटीय इलाकों में चक्रवात रेमल के प्रभाव पर गहरी चिंता व्यक्त की और स्थिति का जायजा लिया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
ममता ने चक्रवात से हुई तबाही और उसके बाद की स्थिति से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों का आकलन करने के लिए मुख्य सचिव बी पी गोपालिका से बात की।
अधिकारी ने 'पीटीआई ' को बताया, "मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से फोन पर बात करके चक्रवात रेमल से हुए जान-माल के नुकसान और घायलों की संख्या के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बिजली के खंभों और पेड़ों के उखड़ने सहित नुकसान के प्रभाव क्षेत्र और स्थिति सामान्य करने के प्रयासों की प्रगति के बारे में भी जानकारी ली।“
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