कोलकाता, 1 फरवरी : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि उन्होंने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को ट्विटर पर ब्लॉक कर दिया है और राजभवन पर सबको ‘बंधुआ मजदूर’ की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. वहीं राज्यपाल ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख को व्हाट्सऐप पर संदेश भेजकर लोकतंत्र में ‘संवाद और सद्भाव’ की अहमियत पर जोर दिया. बंगाल की टीएमसी सरकार और राज्यपाल के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है जो तब निचले स्तर पर पहुंच गया जब बनर्जी ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि उन्होंने धनखड़ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को ब्लॉक कर दिया है, क्योंकि वह अपनी पोस्ट के जरिये उनकी सरकार को बार-बार निशाना बनाते हैं. मुख्यमंत्री ने राजभवन से जासूसी स्पाइवेयर पेगासेस का इस्तेमाल किए जाने का भी आरोप लगाया. बनर्जी ने धनखड़ पर मुख्य सचिव और राज्य के पुलिस प्रमुख जैसे वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को धमकाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि राज्यपाल भाजपा के ‘गुंडों’ का समर्थन करते हैं जो बंगाल में लोगों की हत्या में शामिल हैं.
धनखड़ ने राज्य के प्रशासन और कानून के प्रस्तावों से संबंधित जानकारी प्रस्तुत करने के लिए मुख्यमंत्री को उनके "संवैधानिक कर्तव्य" की याद दिलाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 167 का जिक्र करते हुए पलटवार किया. बनर्जी ने कहा, “मैंने राज्यपाल को अपने ट्विटर अकाउंट से ब्लॉक कर दिया है. मेरे पास कोई विकल्प नहीं था. मुझे इस बात का खेद है. (मैंने उन्हें ब्लॉक किया है) क्योंकि मैं उनके (राज्यपाल के) ट्वीट को रोज़ाना देखकर चिढ़ जाती थी. अपने ट्वीट में वह जिस तरह से बोलते थे वो मानवीय नहीं है. वह हर दिन ट्वीट करेंगे, अधिकारियों को गाली देंगे और मुझे भी कभी-कभी गाली देंगे और आरोप लगाएंगे. वह इन चीजों को अपमानजनक, अनैतिक और असंवैधानिक तरीके से बोलकर करते हैं.” धनखड़ ने तेज़ी से प्रतिक्रिया दी और ट्विटर पर जोर देकर कहा कि संविधान के अनुच्छेद 159 के तहत राज्य में कोई भी संवैधानिक मानदंडों और कानून के नियमों को ब्लॉक नहीं कर सकता है और जो सत्ता में हैं वे "भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखें.’’ यह भी पढ़ें : Mumbai: सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ‘हिंदुस्तानी भाऊ’ छात्रों के विरोध के सिलसिले में गिरफ्तार
बनर्जी ने कहा कि वह चुनी हुई सरकार के बंधुआ मजदूर की तरीके से काम करने के लिए मजबूर करने के किसी भी कोशिश का समर्थन नहीं करेंगी. धनखड़ पर "सुपर पहरेदार " की तरह काम करने का आरोप लगाते हुए, उन्होंने कहा कि राज्यपाल फाइलों और विधेयकों को मंजूरी नहीं दे रहे हैं. उन्होंने राज्यपाल को केंद्र-राज्य के रिश्तों पर सरकारिया आयोग की याद दिलाई. धनखड़ ने ट्विटर पर कहा कि उन्होंने आज रात मुख्यमंत्री को व्हाट्सऐप पर संदेश भेजा है जो उन्होंने पढ़ लिया है जिसमें ‘संवाद और सद्भाव’ की अहमियत पर जोर दिया गया है. बनर्जी ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कई बार पत्र लिखकर धनखड़ को हटाने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.’’ बनर्जी के अलावा टीएमसी के कई नेताओं ने राज्यपाल को ट्विटर पर ब्लॉक कर दिया.