देश की खबरें | मालेगांव विस्फोट : हस्तक्षेप याचिका पर शुक्रवार को आदेश पारित करेगा उच्च न्यायालय
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

मुंबई, 25 नवंबर बंबई उच्च न्यायालय 27 नवंबर को आदेश पारित करेगा कि निसार अहमद बिलाल को आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित की तरफ से दायर याचिका में हस्तक्षेप करने की अनुमति दी जा सकती है या नहीं, जिन्होंने अपने खिलाफ आरोपों को रद्द करने का आग्रह किया है। 2008 में मालेगांव विस्फोट में बिलाल का बेटा मारा गया था।

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ ने बुधवार को बिलाल के वकील बी ए देसाई और पुरोहित के वकील नीला गोखले की जिरह सुनी।

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महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के निकट मोटरसाइिकल पर रखे बम में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 अन्य लोग जख्मी हो गए थे।

वकील देसाई ने पीठ से आग्रह किया कि उनके मुवक्किल को मामले में पक्षकार बनाया जाए और हस्तक्षेप आवेदन को स्वीकार किया जाए क्योंकि पीड़ित को सुने जाने का अधिकार है।

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उन्होंने कहा कि मुंबई में एनआईए की विशेष अदालत में लंबित सुनवाई में बिलाल भी एक पक्ष हैं।

याचिका में बिलाल ने कहा कि विस्फोट में उन्होंने अपना बेटा खो दिया और इसलिए वह मामले में एक ‘‘पक्ष’’ है जिसे सुना जाने का अधिकार है।

बहरहाल, गोखले ने बिलाल के आवेदन का विरोध किया और कहा कि पुरोहित ने अपने खिलाफ आरोपों को रद्द करने की मांग की है क्योंकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी सीआरपीसी की धारा 197 के तहत उन पर अभियोजन चलाने के लिए पूर्व में मंजूरी लेने में विफल रही।

पुरोहित ने इस वर्ष सितंबर में उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर सभी आरोपों को रद्द करने की मांग की।

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