मुंबई, 4 जनवरी : महाराष्ट्र पुलिस ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय को आश्वासन दिया कि वह राज्य के सिंधुदुर्ग जिले में कथित रूप से हत्या करने की कोशिश के एक मामले में भाजपा विधायक नीतेश राणे के खिलाफ सात जनवरी तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगी. न्यायमूर्ति सीवी भडांग की एकल पीठ ने राणे की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए सात जनवरी की तारीख तय की और पुलिस को इस मामले में अपना रुख स्पष्ट करते हुए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. विशेष लोक अभियोजक सुदीप पासबोला ने अदालत को बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि राणे कथित तौर पर मामले के ‘‘मुख्य साजिशकर्ता’’ थे और वह पूछताछ से बच रहे हैं. पासबोला ने हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा, जिसके बाद राणे के वकील नितिन प्रधान ने विधायक को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण देने का अनुरोध किया.
प्रधान ने अदालत से कहा, ‘‘ केवल अपमान करने के लिए राणे पर मुकदमा चलाया जा रहा है. वह 24 दिसंबर, 2021 को संबंधित थाने में पेश हुए और उनका बयान दर्ज किया गया. इसके बाद, उन्हें सूचित किया गया कि उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है, जिसके बाद उन्होंने गिरफ्तारी से पहले जमानत मांग की.’’ इसके बाद पासबोला ने कहा कि 24 दिसंबर को जब राणे से पूछताछ की गई थी, तब पुलिस ने मामले की जांच शुरू ही की थी. पासबोला ने कहा, ‘‘ हालांकि, 26 दिसंबर को राणे के एक साथी को गिरफ्तार किया गया, जिसने मामले में उनकी भूमिका का खुलासा किया. हमारी जांच में सामने आया है कि राणे ही मामले का मुख्य साजिशकर्ता है.’’इसके बाद, उच्च न्यायालय ने कहा कि वह राणे और पुलिस दोनों की दलीलें सात जनवरी को सुनेगा. पासबोला ने फिर अदालत को मौखिक आश्वासन दिया कि पुलिस सात जनवरी तक राणे के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगी. अदालत ने पुलिस को ‘केस डायरी’ पेश करने का भी निर्देश दिया. यह भी पढ़ें : नीट-पीजी कॉउंसलिंग में देरी: महाराष्ट्र के रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल वापस ली
केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे एवं भाजपा विधायक नीतेश राणे ने अपनी याचिका में दावा किया कि राजनीतिक रंजिश के चलते उन्हें हत्या की कोशिश के मामले में फंसाया गया है. सिंधुदुर्ग जिले की सत्र अदालत ने पिछले हफ्ते कंकावली के विधायक नीतेश राणे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. राणे ने याचिका में दावा किया है कि 30 दिसंबर को हुए सिंधुदुर्ग जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक चुनाव में भाग लेने से रोकने के एकमात्र उद्देश्य से ही उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया. नीतेश राणे और अन्य के खिलाफ पिछले महीने कंकावली थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या की कोशिश), 120 (बी) (आपराधिक साजिश) और 34 (एक मंशा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी. यह मामला बैंक चुनाव के प्रचार के दौरान स्थानीय शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब पर कथित हमले से जुड़ा है. शिवसेना को झटका देते हुए नारायण राणे के नेतृत्व वाले पैनल ने सिंधुदुर्ग जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक चुनाव में जीत दर्ज की थी.