Maharashtra: एमएसआरटीसी के डिपो बंद, कर्मचारियों की हड़ताल जारी
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के कर्मचारियों ने निगम का विलय राज्य सरकार के साथ करने की मांग को लेकर अपनी हड़ताल 13वें दिन भी जारी रखी, जिसके कारण एमएसआरटीसी के 250 डिपो में से 247 पर बस संचालन मंगलवार सुबह बंद रहा.
मुंबई, 9 नवंबर : महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के कर्मचारियों ने निगम का विलय राज्य सरकार के साथ करने की मांग को लेकर अपनी हड़ताल 13वें दिन भी जारी रखी, जिसके कारण एमएसआरटीसी के 250 डिपो में से 247 पर बस संचालन मंगलवार सुबह बंद रहा. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. लाखों यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि राज्य द्वारा संचालित निगम की बसें सड़कों से नदारद हैं और वे अब यात्रा के लिए निजी वाहनों पर निर्भर हैं. एमएसआरटीसी कर्मचारियों की हड़ताल के मद्देनजर, महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार शाम से निजी बसों, स्कूल बसों, माल वाहनों और अनुबंध कैरिज बसों को यात्रियों को ले जाने की अनुमति दी है. एमएसआरटीसी के एक अधिकारी ने कहा कि केवल तीन डिपो - कोल्हापुर क्षेत्र में गरगोटी और कागल तथा नासिक क्षेत्र में इगतपुरी डिपो सोमवार को संचालित थे.
कागल डिपो आंशिक रूप से संचालित था. एमएसआरटीसी के कर्मचारी निगम का विलय राज्य सरकार में करने की अपनी मांग को लेकर 28 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं. उन्होंने दिवाली त्योहार समाप्त होने के बाद रविवार से अपना आंदोलन तेज कर दिया है. एमएसआरटीसी कर्मचारियों की हड़ताल के कारण सेवाएं प्रभावित हुईं और राज्य भर में लाखों यात्रियों को असुविधा हुई. एमएसआरटीसी कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें राज्य सरकार के कर्मचारियों के रूप में मान्यता दी जाए. एमएसआरटीसी देश के सबसे बड़े राज्य परिवहन निगमों में से एक है, जिसमें 16,000 से अधिक बसें तथा बस चालक और कंडक्टर सहित लगभग 93,000 कर्मचारी हैं. पिछले साल कोरोना वायरस के प्रकोप से पहले निगम रोजाना 65 लाख से अधिक यात्रियों को परिवहन सुविधा मुहैया कराता था. यह भी पढ़ें : Bhopal Hospital Fire: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने दिए जांच के आदेश, विपक्ष का हंगामा, कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने की न्यायिक जांच की मांग
बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा पूर्ण सहयोग देने और राज्य सरकार में महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के विलय की मांग पर विचार करने के लिए एक समिति गठित करने के बावजूद अपनी हड़ताल वापस नहीं लेने पर अड़े एमएसआरटीसी के कर्मचारियों को फटकार लगाई. न्यायमूर्ति एस जे कथावाला और न्यायमूर्ति एस पी तावड़े की अवकाश पीठ ने अपने आदेश में कहा कि एमएसआरटीसी के कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल/आंदोलन वापस लेने के लिए जो मांग की थी, महाराष्ट्र सरकार ने उसका पालन किया है और उस पर विचार कर रही है. पीठ ने कहा, ‘‘हमें समझ में नहीं आता कि एमएसआरटीसी के कर्मचारी अब उस बात से पीछे क्यों हट गए, जिस पर वे खुद सरकार से बात करना चाहते थे.’’ पीठ ने कहा कि राज्य सरकार ने एमएसआरटीसी कर्मचारियों की मांग के संबंध में पूरा सहयोग किया है.