छत्रपति संभाजीनगर, चार नवंबर महाराष्ट्र के मंत्री संदीपन भुमरे और अतुल सावे ने शनिवार को मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे से मुलाकात की और उन्हें समुदाय के सदस्यों को कुनबी प्रमाणपत्र देने की व्यवहार्यता का अध्ययन करने के लिए गठित शिंदे समिति के दायरे का विस्तार करने संबंधी एक दस्तावेज की प्रति सौंपी।
जरांगे की मांगों में मराठों को कुनबी प्रमाणपत्र दिया जाना भी शामिल है ताकि उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण मिल सके।
महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने इस मांग का अध्ययन करने और इसे लागू करने के तौर-तरीकों का पता लगाने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे के तहत एक समिति गठित की थी।
भुमरे ने जरांगे से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘शिंदे समिति का दायरा मराठवाड़ा से लेकर पूरे महाराष्ट्र तक बढ़ा दिया गया है।’’
मंत्र पत्रकारों के इस सवाल को टाल गए कि क्या मराठा कोटा लागू करने के लिए जरांगे द्वारा राज्य सरकार को दी गई समय सीमा 24 दिसंबर या दो जनवरी है।
भुमरे ने कहा, ‘‘यह बस कुछ दिनों की बात है और इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता। हो सकता है कि ये (कोटा) मुद्दा उससे पहले ही सुलझ जाए।’’
इस मुद्दे पर जरांगे ने कहा, ‘‘यह अच्छा है कि राज्य भर के मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र मिलेगा। हमारी क्रमिक भूख हड़ताल जारी है और हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक हमें आरक्षण नहीं मिल जाता।’’
इस बीच, पूर्व राज्यसभा सदस्य संभाजी छत्रपति ने भी दिन में जरांगे से मुलाकात की और कहा कि उनका उद्देश्य जरांगे को मजबूती देना है।
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अपना अनिश्चितकालीन अनशन नौ दिन बाद बृहस्पतिवार को खत्म करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे का अस्पताल में उपचार जारी है।
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