देश की खबरें | महाराष्ट्र : भूजल स्रोतों की पहचान करने के लिए मानचित्रण योजना शुरू होगी
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नागपुर (महाराष्ट्र), 24 जुलाई महाराष्ट्र सरकार जल जीवन मिशन के तहत भूजल के संभावित स्रोतों की पहचान करने के लिए एक मानचित्रण योजना शुरू करेगी।
एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र का जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग पानी के स्तर में गिरावट के बीच 25 लाख भूजल संसाधनों का मानचित्रण कराएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘यह जल जीवन मिशन के तहत किया जाएगा। महाराष्ट्र ऐसी पहल करने वाला पहला राज्य होगा।’’
इस योजना की महत्ता पर जोर देते हुए भूजल सर्वेक्षण और विकास एजेंसी (जीएसडीए) के आयुक्त चिंतामन जोशी ने कहा कि महाराष्ट्र में करीब 80 फीसदी सिंचाई और पेयजल के लिए 80 प्रतिशत जल आपूर्ति भूजल संसाधनों पर निर्भर है।
उन्होंने कहा, ‘‘सूक्ष्म और लघु उद्यम तथा अन्य उद्योग भी बड़े पैमाने पर भूजल का इस्तेमाल करते हैं। इससे भूजल के स्तर में गिरावट आई है और कई जगहों पर पानी की कमी हो गई है।’’
जोशी के मुताबिक, भविष्य में इस स्थिति के और गंभीर होने की आशंका को देखते हुए जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव संजीव जायसवाल, राज्य जल और स्वच्छता मिशन के मिशन निदेशक ऋषिकेश यशोद और जीएसडीए ने मानचित्रण कराने की पहल की है।
उन्होंने कहा, ‘‘जल जीवन मिशन के तहत लागू की जाने वाली नल के पानी की आपूर्ति की योजना के लिए सतत स्रोतों का पता लगाने की प्रक्रिया राज्य में तेजी से चल रही है। इन मानचित्रों का इस्तेमाल नल से पानी की आपूर्ति की योजना के लिए संभावित भूजल क्षेत्रों का पता लगाने और स्रोतों की पहचान करने के लिए किया जाएगा। इससे भविष्य में जल संरक्षण के उपायों को व्यवस्थित तरीके से लागू करने में मदद मिलेगी।’’
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