देश की खबरें | महाराष्ट्र: अवैध रूप से देश में रहने और पासपोर्ट गिरोह चलाने के आरोप में बांग्लादेशी गिरफ्तार

नागपुर, दो सितंबर महाराष्ट्र के नागपुर जिले से आतंकवादी निरोधक दस्ते (एसटीएस) ने अवैध रूप से एक दशक से अधिक समय से यहां रह रहे एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि शुरुआत में एक बौद्ध भिक्षु और फिर एक जिम ट्रेनर बनकर रहा यह आरोपी कथित तौर पर अपने देश के लोगों को फर्जी तरीके से भारतीय पासपोर्ट उपलब्ध कराने में मदद के लिए एक गिरोह भी चला रहा था।

पुलिस ने बताया कि 40 वर्षीय आरोपी पलाश बिपन बरुवा को एटीएस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया।

उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पाया कि उसने बौद्ध भिक्षु बनकर अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया और बाद में नागपुर में जिम ट्रेनर बनकर रहने लगा। वह इन दिनों उत्तरी नागपुर के टेका में पिवली नदी क्षेत्र में रह रहा था।

कपिल नगर पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘एटीएस ने बरुवा की अवैध गतिविधियों का खुलासा तब किया जब दो बांग्लादेशी नागरिकों, मैत्री बरुवा और अंकोन बरुवा को हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया। ये दोनों भारतीय पासपोर्ट का इस्तेमाल कर विदेश जाने वाली उड़ान में यात्रा करने का प्रयास कर रहे थे।’’

अधिकारी ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा कि उन्होंने पासपोर्ट बरुवा द्वारा उपलब्ध कराए गए फर्जी पहचान दस्तावेजों के जरिए धोखाधड़ी से हासिल किए गए थे।

अधिकारी के अनुसार, इसके बाद एटीएस की नागपुर इकाई ने एक महीने से अधिक समय तक गुप्त अभियान को अंजाम दिया। इस दौरान बरुवा की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी गई।

अधिकार ने कहा, ‘‘आरोपी ने 2010 से पहले एक बौद्ध भिक्षु के रूप में भारतीय सीमा पार की थी। वह शहर के विभिन्न बुद्ध विहारों में रहकर लगभग चार वर्षों तक कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बचता रहा। ’’

अधिकारी के अनुसार, इसके बाद बरुवा ने जिम ट्रेनर की नौकरी की और थाईलैंड की यात्रा भी की।

उन्होंने बताया, ‘‘जांच से पता चला कि बरुवा बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय पासपोर्ट उपलब्ध कराने के अवैध धंधे में भी शामिल था। उसे बांग्लादेश में अपने सहयोगियों से लगातार संपर्क बनाए रखे और पिछले एक दशक में कई लोगों को अवैध तरीके से सीमा पार कराने में मदद की।’’

पुलिस ने बताया कि उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 463, 467 और 468 (जालसाजी से संबंधित) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।

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