देश की खबरें | लोकायुक्त पुलिस के सभी सवालों के जवाब दिए, सच बताया: सिद्धरमैया
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मैसुरु, छह नवंबर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को कहा कि उन्होंने मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) मामले में लोकायुक्त पुलिस द्वारा पूछे गए सभी सवालों के जवाब दे दिए हैं और उन्होंने उन्हें ‘सच्चाई’ बता दी है।
मुख्यमंत्री को लोकायुक्त पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आरोपी नंबर एक के तौर पर नामजद किया गया है और वह एमयूडीए द्वारा उनकी पत्नी पार्वती को 14 भूखंडों का आवंटन किए जाने में अनियमितता के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार को सिद्धरमैया से करीब दो घंटे तक पूछताछ की।
पूछताछ के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘सब कुछ कानूनी रूप से हुआ है, भाजपा और जद (एस) झूठे आरोप लगा रहे हैं... मैंने लोकायुक्त पुलिस द्वारा मुझसे पूछे गए सभी सवालों के जवाब दिए हैं, उन्होंने इसे रिकॉर्ड किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘... मेरे खिलाफ झूठा मामला बनाया गया, मुझसे सवाल किए गए, मैंने सच बता दिया है।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लोकायुक्त पुलिस ने बताया है कि उन्हें एक बार फिर पेश होने के लिए कहा जा सकता है, उन्होंने कहा, ‘‘नहीं...।’’
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सिद्धरमैया समन जारी किए जाने के बाद लोकायुक्त पुलिस के समक्ष पेश हुए और लोकायुक्त अधीक्षक टी जे उदेश के नेतृत्व में एक टीम द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिए।
लोकायुक्त पुलिस ने 25 अक्टूबर को उनकी पत्नी से पूछताछ की थी, जिन्हें आरोपी नंबर दो के रूप में नामजद किया गया है।
मैसुरु स्थित लोकायुक्त पुलिस प्रतिष्ठान द्वारा 27 सितंबर को दर्ज प्राथमिकी में सिद्धरमैया, उनकी पत्नी, बहनोई मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू तथा अन्य का नाम है।
स्वामी और देवराजू पहले ही लोकायुक्त पुलिस के समक्ष गवाही दे चुके हैं।
एमयूडीए मामले में यह आरोप लगाया गया है कि मैसुरु के एक पॉश इलाके में पार्वती को 14 ऐसे भूखंड आवंटित किए गए थे, जिनका मूल्य उस भूमि की तुलना में अधिक है जिसे एमयूडीए ने ‘अधिग्रहित’ किया था।
एमूयडीए ने पार्वती को उनकी 3.16 एकड़ भूमि के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे।
विवादास्पद योजना के तहत एमयूडीए ने आवासीय परिसर बनाने के लिए भूखंड छोड़ने वालों को उनसे ली गई अविकसित भूमि के बदले में 50 प्रतिशत विकसित भूमि आवंटित की थी।
लोकायुक्त पुलिस ने 27 सितंबर को सिद्धरमैया, उनकी पत्नी, उनके करीबी रिश्तेदार मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू नाम के एक व्यक्ति और अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
मल्लिकार्जुन स्वामी ने देवराजू से जमीन खरीदकर पार्वती को उपहार में दी थी।
ब्रजेन्द्र
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