नयी दिल्ली, 11 दिसंबर कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल सरकार को मदद नहीं दिये जाने के तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी के आरोपों और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में उनकी टिप्पणी को लेकर लोकसभा में बुधवार को सत्ता पक्ष के सदस्यों ने विरोध जताया और इस मुद्दे पर कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
बनर्जी की टिप्पणी के दौरान तृणमूल कांग्रेस और सत्ता पक्ष के सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई और सदन की कार्यवाही चार बजकर 10 मिनट पर आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी।
कार्यवाही पुन: शुरू हुई तो बनर्जी ने अपनी टिप्पणी के लिए सिंधिया से माफी मांगी, लेकिन केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह अपने खिलाफ निजी हमले और भारत की महिलाओं के खिलाफ बयान पर विपक्षी सांसद की माफी स्वीकार नहीं कर रहे।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस सदन में शुद्ध हृदय से देश के विकास की भावना से य आते हैं। हम यहां आत्म-सम्मान की भावना से भी आते हैं और यदि कोई भी आत्म-सम्मान पर निजी हमले करेगा तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’’
सिंधिया ने कहा, ‘‘आप हमारी नीतियों, हमारे विचारों पर हमला कीजिए। लेकिन निजी हमला करने पर जवाब के लिए तैयार रहिए।’’
उन्होंने कहा कि बनर्जी ने माफी मांगी है, लेकिन ‘‘उन्होंने मेरे खिलाफ निजी टिप्पणी की और भारत की महिलाओं के खिलाफ जो शब्द बोले, उसके कारण मुझे उनकी माफी स्वीकार नहीं।’’
पीठासीन सभापति ए. राजा ने कहा कि अध्यक्ष ओम बिरला ने यह मामला दोनों पक्षों के बीच सुलझाने को कहा है।
भाजपा के सदस्यों ने इस दौरान हंगामा किया और पीठासीन सभापति ए राजा ने कार्यवाही करीब 4.43 बजे शाम पांच बजे तक स्थगित कर दी।
आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा के क्रम में तृणमूल सदस्य कल्याण बनर्जी ने पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दौरान सहकारी संघवाद को तहस-नहस करने का आरोप लगाया।
इसी क्रम में उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने ‘‘पश्चिम बंगाल की जनता को मरने के लिए छोड़ दिया’’। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इस पर कड़ा प्रतिवाद करते हुए कहा कि ‘‘बनर्जी संभवत: कोरोना के समय सो रहे थे।’’
राय ने कहा कि देश ही नहीं बल्कि दुनिया जानती है कि कोरोना के वक्त मोदी सरकार ने कैसी भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि कोरोना के वक्त पश्चिम बंगाल सरकार ने आपदा के समय टीकों वाले वाहनों को ‘‘ट्रैफिक क्लियरेंस’’ तक नहीं दिया था।
राय ने यह भी कहा कि लोगों पर दबाव डाला जाता था कि वे टीका न लें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जनता को मरने के लिए छोड़ दिया था।
इस बीच पीठासीन अधिकारी ए. राजा ने सदन में बैठे केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम पुकारा। सिंधिया ने कहा कि सदन के अंदर इस तरह का झूठ नहीं बोला जाना चाहिए, क्योंकि देश ही नहीं दुनिया जानती है कि भारत ने करोड़ों टीके दूसरे देशों को बांटे।
इस पर बनर्जी ने सिंधिया को लेकर कुछ टिप्पणियां कीं और उनके राजपरिवार से आने का भी उल्लेख किया। केंद्रीय मंत्री ने इस पर कड़ा विरोध दर्ज कराया।
इस मुद्दे पर तृणमूल सदस्यों एवं सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। अध्यक्ष ओम बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों को शांत करने की कोशिश की और हंगामे के बीच उन्हें सदन की कार्यवाही चार बजकर 10 मिनट पर आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी।
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