देश की खबरें | मामलों में वृद्धि के बावजूद मुंबई में लॉकडाउन जरूरी नहीं : बीएमसी आयुकत
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. मुंबई में लॉकडाउन या अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने की तत्काल कोई जरूरत नहीं है क्योंकि मरीजों के लिए अस्पतालों में बिस्तरों की, ऑक्सीजन की जरूरत और कोविड-19 से होने वाली मौतें कम हैं। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) आयुक्त इकबाल चहल ने शुक्रवार को यह बात कही।
मुंबई, सात जनवरी मुंबई में लॉकडाउन या अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने की तत्काल कोई जरूरत नहीं है क्योंकि मरीजों के लिए अस्पतालों में बिस्तरों की, ऑक्सीजन की जरूरत और कोविड-19 से होने वाली मौतें कम हैं। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) आयुक्त इकबाल चहल ने शुक्रवार को यह बात कही।
चहल ने एक मराठी समाचार चैनल से कहा कि पहली और दूसरी लहर के दौरान लॉकडाउन लगाने का निर्णय संक्रमण दर के आधार पर लिया गया था, लेकिन 21 दिसंबर 2021 से शुरू हुई तीसरी लहर के लिए यह मानदंड लागू नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि लोकल ट्रेनों से यात्रा पर कोई और प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि केवल पूरी तरह से टीकाकरण वाले लोगों को ही ट्रेनों में सवार होने की अनुमति दी जा रही है।
चहल ने कहा, “पहली और दूसरी लहर में कसौटी संक्रमण दर थी, लेकिन वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप की इस लहर में, दो नए मानदंड अस्पताल के बिस्तरों की जरूरत और ऑक्सीजन की आवश्यकता होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रशासन ने अब तक केवल कुछ प्रतिबंध लगाए हैं, जैसे कि रात के समय पांच या अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने और शहर में स्कूलों को बंद करने जैसे प्रतिबंध।
बीएमसी प्रमुख ने कहा कि बृहस्पतिवार को मुंबई में कोरोना वायरस की जांच में संक्रमित पाए गए 20,000 से अधिक लोगों में से केवल 1,180 अस्पताल में भर्ती थे और 110 ऑक्सीजन पर थे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में अस्पताल के 35,000 बिस्तरों में से केवल 5,900 पर मरीज भर्ती हैं।
चहल ने कहा, “वर्तमान में कम से कम 83 प्रतिशत बिस्तर खाली हैं और ऑक्सीजन की आवश्यकता 10 प्रतिशत भी नहीं है। दूसरी लहर के दौरान, हमने 235 मीट्रिक टन ऑक्सीजन (प्रति दिन) का उपयोग किया। इन बातों को ध्यान में रखते हुए मौजूदा हालात में लॉकडाउन की जरूरत नहीं है।”
उन्होंने कहा, “केवल संख्या (कोविड-19 मामलों) के आधार पर लॉकडाउन नहीं लगाया जा सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि हमारे अस्पतालों में कितने बिस्तर खाली हैं, कितने ऑक्सीजन की जरूरत है और कितनी मौतें हो रही हैं। ये अधिक महत्वपूर्ण हैं।’’
उन्होंने माना कि पिछले साल 21 दिसंबर से संक्रमण दर में काफी वृद्धि हुई है, लेकिन पिछले 16 दिनों में शहर में केवल 17 मौतें दर्ज की गईं। उन्होंने कहा कि उपचाराधीन मामले एक लाख को पार कर गए हैं, लेकिन मृत्यु दर प्रति दिन केवल एक है।
आयुक्त ने कहा, “हम स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से दिन में तीन से चार बार चीजों की समीक्षा करता हूं।”
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