देश की खबरें | अन्य सीटों पर किसे समर्थन देना है, इस पर स्थानीय नेता फैसला लेंगे : कुमारस्वामी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. आगामी विधान परिषद चुनावों के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के साथ संभावित गठबंधन की चर्चा के बीच जनता दल (सेक्यूलर) नेता कुमारस्वामी ने मंगलवार को कहा कि स्थानीय नेताओं को यह फैसला लेने का अधिकार दिया गया है कि वे 2023 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए उन सीटों पर किसे समर्थन दें, जहां पार्टी चुनाव नहीं लड़ रही है।
बेंगलूरू, सात दिसंबर आगामी विधान परिषद चुनावों के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के साथ संभावित गठबंधन की चर्चा के बीच जनता दल (सेक्यूलर) नेता कुमारस्वामी ने मंगलवार को कहा कि स्थानीय नेताओं को यह फैसला लेने का अधिकार दिया गया है कि वे 2023 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए उन सीटों पर किसे समर्थन दें, जहां पार्टी चुनाव नहीं लड़ रही है।
किसी भी गठबंधन की संभावना को खारिज करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि जद(एस) विधान परिषद की उन सभी छह सीटों पर चुनाव जीतेगी, जिन पर वह लड़ रही है।
25 सीटों के लिए 20 स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्रों से कर्नाटक विधान परिषद का यह द्विवार्षिक चुनाव मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने के कारण हो रहा है। चुनाव 10 दिसंबर को होगा।
कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘मैंने अपने स्थानीय नेताओं के साथ दो-तीन चरणों में चर्चा की है और उन सीटों के संबंध में उनकी राय ली है जहां हमने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं...मैंने हमारे सभी स्थानीय जिला नेताओं को 2023 विधानसभा चुनावों में पार्टी के आयामों को ध्यान में रखते हुए इन सीटों पर अन्य पार्टी के उम्मीदवारों का समर्थन करने के संबंध में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।’’
उन्होंने यहां पत्रकारों से बातचीत में यह स्पष्ट किया कि अभी या भविष्य में किसी भी गठबंधन का सवाल नहीं है और जद(एस) 123 सीटें जीतने के लक्ष्य के साथ 2023 विधानसभा चुनावों के दौरान सभी 224 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी गठबंधन या किसी भी आंतरिक या बाहरी समझ का कोई सवाल या गुंजाइश नहीं है...हमारा लक्ष्य 2023 चुनाव है। परिषद चुनावों के दौरान जो भी फैसले लिए जाने हैं, वे विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी को मजबूत करने की मंशा से लिए जाने हैं, हमने अपने स्थानीय नेताओं पर फैसला छोड़ दिया है और वे निर्णय लेंगे।’’
जद(एस) ने विधान परिषद चुनावों के लिए केवल छह उम्मीदवारों को उतारा है जबकि भाजपा और कांग्रेस 20-20 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं।
कुमारस्वामी ने कहा कि न तो कांग्रेस और न ही भाजपा ने जद(एस) से समर्थन मांगा है। उन्होंने कहा कि भगवा पार्टी से कोई आधिकारिक अनुरोध नहीं है। केवल उसके नेता येदियुरप्पा ने कई बार सार्वजनिक रूप से और एक बार निजी रूप से फोन पर समर्थन मांगा।
उन्होंने कहा कि येदियुरप्पा ने भी यह स्पष्ट किया है कि कोई गठबंधन नहीं है और उन्होंने उन सीटों पर जद(एस) का समर्थन मांगा है जिन पर वह नहीं लड़ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यह उनकी राजनीति और भाजपा उम्मीदवारों के लिए हमारा समर्थन पाने की ईमानदार कोशिशों को दिखाता है। लेकिन एक राजनीतिक दल के तौर पर हमें भी अपने भविष्य के लिए कुछ फैसले लेने होंगे। इसलिए स्थानीय नेताओं से चर्चा करने के बाद हमने यह फैसला लिया है।’’
जद(एस) नेता ने कहा कि वित्तीय दिक्कतों के कारण पार्टी केवल छह सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि उसके पास कई जिलों में चुनाव जीतने के लिए निर्णायक मत और संख्याबल है। उन्होंने कहा कि जिन सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ रही है वहां कांग्रेस, भाजपा और जद(एस) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।
यह पूछने पर कि क्या स्थानीय नेताओं ने कुछ स्थानों पर कांग्रेस उम्मीदवारों का समर्थन करने का फैसला किया है जबकि उसने जद(एस) का समर्थन मांगा भी नहीं है, इस पर कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘राज्य और स्थानीय स्तर की राजनीति अलग है...विधानसभा चुनावों के दौरान स्थानीय स्तर पर हमारी पार्टी के लिए एक अनुकूल स्थिति बनाने के मकसद से हमारे नेता स्थानीय रूप से फैसला लेंगे।’’
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