विदेश की खबरें | कोविड संग जीना : संक्रमण बढ़ने पर ब्रिटेन की योजना को लेकर विशेषज्ञ विभाजित
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. ब्रिटेन में मार्च के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के बावजूद आजादी का एहसास व्यापक स्तर पर देखा गया। हालांकि ब्रिटेन में मार्च के दौरान संक्रमण को तेजी से फैलने वाले ओमीक्रोन बीए़2 स्वरूप के कारण नये मामलों में वृद्धि दर्ज की गई। इसके अलावा ओमीक्रोन बीए.2 यूरोप और अमेरिका समेत अन्य देशों में भी तेजी से फैल रहा है।
ब्रिटेन में मार्च के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के बावजूद आजादी का एहसास व्यापक स्तर पर देखा गया। हालांकि ब्रिटेन में मार्च के दौरान संक्रमण को तेजी से फैलने वाले ओमीक्रोन बीए़2 स्वरूप के कारण नये मामलों में वृद्धि दर्ज की गई। इसके अलावा ओमीक्रोन बीए.2 यूरोप और अमेरिका समेत अन्य देशों में भी तेजी से फैल रहा है।
ब्रिटेन के हालात एक संकेत हो सकते हैं कि कोरोना वायरस से जुड़ी पाबंदियों में ढील देने वाले देशों को आगे किन स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। हाल के हफ्तों के दौरान कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिहाज से ब्रिटेन और फ्रांस को एक जैसी स्थिति का समाना करना पड़ा। इन दोनों देशों में अस्पताल में भर्ती होने वाले कोविड मरीजों की संख्या बढ़ी है।
अमेरिका में ज्यादातर अमेरिकी घर में ही जांच कर रहे हैं, जिससे कोरोना संक्रमण के काफी अधिक आंकड़े दर्ज नहीं हो पा रहे हैं। कोविड-19 के नये संक्रमितों में नियमित जांच कराने वाले अभिनेता और राजनेता शामिल हैं। ब्रिटेन के कैबिनेट मंत्री, स्पीकर नैंसी पेलोसी और न्यूजर्सी के गवर्नर भी नये संक्रमितों में शामिल हैं।
यूरोप में ब्रिटेन की स्थिति सबसे अलग है, क्योंकि इसने फरवरी में ही सभी तरह की पाबंदियों को हटा दिया था। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की सरकार ‘‘कोविड संग जीने’’ की नीति को लेकर प्रतिबद्ध है। लेकिन विशेषज्ञ इस बात को लेकर असहमत हैं कि देश हालात से अच्छी तरह से उबर रहा है।
कुछ विशेषज्ञों के मुताबिक इस बात को स्वीकार करने का यह सही समय है कि ‘‘कोविड संग जीने’’ का मतलब कुछ हद तक तबाही और मौतों को बर्दाश्त करना है जैसा की हम फ्लू के मौसम में करते हैं। अन्य विशेषज्ञों को लगता है कि ब्रिटिश सरकार ने बहुत जल्दी और बहुत तेजी से पाबंदियों को हटाने का काम किया।
विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि कोरोना वायरस के कारण होने वाली मौतों और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि जारी रह सकती है। यह भी बताया कि पूर्ण टीकाकरण के बावजूद 55 साल से अधिक उम्र के लोग अधिक संख्या में संक्रमित हो रहे हैं।
ब्रिटेन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा चिकित्सा के निदेशक स्टीफन पोविस ने माना कि अस्पतालों पर दबाव फिर से बढ़ गया है। लीड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्टीफन ग्रिफिन ने कहा, ‘‘बिना पर्याप्त टीककरण, बगैर मास्क, और बिना पृथकवास और जांच के परिणामस्वरूप हम लगातार तबाही, बीमारी और मौत से जूझेंगे।’’
हालांकि ईस्ट एंजलिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पॉल हंटर ने सरकार की नीतियों का समर्थन किया है। ब्रिटेन की आधिकारिक सांख्यिकी एजेंसी का अनुमान है कि करीब 50 लाख ब्रिटिश नागरिक मार्च अंत में कोरोना वायरस से संक्रमित थे।
लंदन इंपीरियल कॉलेज के आरईएसीटी के अध्ययन में कहा गया है कि मार्च में देश में संक्रमण का स्तर जनवरी में ओमीक्रोन के चरम स्तर की तुलना में 40% अधिक था।
प्रतिबंधों में ढील से फ्रांस और जर्मनी में संक्रमण के नये मामलों में वृद्धि देखी गई है। जांच में तेज गिरावट के बावजूद फ्रांस में 100,000 से अधिक लोग हर दिन संक्रमित पाये जा रहे हैं, जबकि आईसीयू में भर्ती कोविड मरीजों की संख्या में एक हफ्ते के दौरान 22 फीसदी इजाफा हुआ है।
कैंब्रिज विश्वविद्यालय के विषाणु वैज्ञानिक रविंद्र गुप्ता ने कहा कि कोविड-19 के कारण मृत्यु दर अब भी मौसमी फ्लू के मुकाबले बहुत अधिक है। उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि कोविड के कारण लोग अब भी गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं।
गुप्ता ने कहा कि यह विश्वास करने का कोई कारण नहीं है कि वायरस के नये स्वरूप से गंभीर खतरा नहीं है।
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