नयी दिल्ली, चार मार्च वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारियों से प्रणालीगत खामियां दूर करने और बेहतर करदाता सेवाएं देने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने को कहा।
सीतारमण ने यहां राज्य और केंद्रीय जीएसटी संरचनाओं के प्रवर्तन प्रमुखों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि व्यापक राष्ट्रीय हित में राज्यों के बीच निर्बाध समन्वय की जरूरत है। उन्होंने उभरती सर्वोत्तम गतिविधियों को साझा करने की भी वकालत की।
बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, "वित्त मंत्री ने सभी जीएसटी संरचनाओं से अपनी खामियों को दूर करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के साथ बेहतर करदाता सेवाएं प्रदान करने का भी आग्रह किया।"
सीतारमण ने जीएसटी अधिकारियों से हितधारकों के साथ जुड़कर उनकी चिंताओं को समझने, कर अनुपालन बढ़ाने, प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और कर प्रणाली को अधिक पारदर्शी एवं कुशल बनाने की दिशा में मिलकर काम करने के लिए भी कहा।
उन्होंने केंद्र और राज्यों के जीएसटी प्रवर्तन प्रमुखों के बीच नियमित रूप से ऐसी बैठकें आयोजित करने और बाधाओं पर चर्चा करने, सफल रणनीतियों का आदान-प्रदान करने के लिए इस मंच का लाभ उठाने के महत्व पर जोर दिया।
इस बैठक में राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने जीएसटी प्रणाली की सफलता सुनिश्चित करने में प्रवर्तन की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के प्रमुख संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि फर्जी कंपनियां और जीएसटी चोरी न केवल राजस्व को नुकसान पहुंचाती है बल्कि निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को भी नुकसान पहुंचाती है।
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