देश की खबरें | ओबीसी आरक्षण में ‘पिछले दरवाजे’ से प्रवेश के लिए जमा कराए जा रहे लाखों हलफनामे: भुजबल

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल ने मराठा आरक्षण पर मसौदा अधिसूचना को लेकर बुधवार को एक बार फिर राज्य सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि उनके अधिकारों के अतिक्रमण के लिए ओबीसी आरक्षण में "पिछले दरवाजे से प्रवेश" के लिए लाखों हलफनामे जमा कराए जा रहे हैं।

मुंबई, 31 जनवरी महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल ने मराठा आरक्षण पर मसौदा अधिसूचना को लेकर बुधवार को एक बार फिर राज्य सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि उनके अधिकारों के अतिक्रमण के लिए ओबीसी आरक्षण में "पिछले दरवाजे से प्रवेश" के लिए लाखों हलफनामे जमा कराए जा रहे हैं।

भुजबल और मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे के बीच तीखा वाकयुद्ध देखने को मिल रहा है। भुजबल ने राज्य सरकार पर जरांगे के सामने समर्पण करने का आरोप लगाया है।

अजित पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) गुट से संबंध रखने वाले भुजबल मसौदा अधिसूचना को लेकर सरकार की आलोचना करते रहे हैं।

संबंधित अधिसूचना में कहा गया है कि कुनबी जाति के साक्ष्य वाले किसी मराठा व्यक्ति के ‘‘रक्त संबंधी’’ कुनबी (ओबीसी जाति) प्रमाणपत्र हासिल करने के पात्र हैं।

भुजबल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जो कुछ भी (मराठा आरक्षण के नाम पर) हो रहा है वह भीड़तंत्र के सामने आत्मसमर्पण के अलावा कुछ नहीं है। ओबीसी और वीजेएनटी (विमुक्त जाति और घुमंतू जनजातियों) के अधिकारों पर अतिक्रमण करने के लिए पिछले दरवाजे से प्रवेश करने के वास्ते लाखों हलफनामे जमा किए जा रहे हैं। गांवों में गुस्से का माहौल है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘तीन विकल्प हैं। ओबीसी या तो (मराठा कोटा पर मसौदा अधिसूचना के खिलाफ) अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं, लोगों के बीच जागरूकता पैदा कर सकते हैं, या अपने साथ हो रहे अन्याय को लोकतांत्रिक मंचों के माध्यम से उजागर कर सकते हैं।’’

भुजबल ने कटाक्ष करते हुए जरांगे को ‘‘सबसे ज्ञानी व्यक्ति करार दिया जो करोड़ों और लाखों के बीच का अंतर नहीं जानता।’’

उन्होंने कहा कि जरांगे ने कहा था कि वह (विरोध प्रदर्शन के लिए) तीन करोड़ मराठाओं को मुंबई लाएंगे, लेकिन सभी ने देखा है कि वास्तव में कितने मराठा नवी मुंबई (26 जनवरी को) आए थे।

भुजबल ने कुछ हलकों द्वारा की जा रही उनके इस्तीफे की मांग पर टिप्पणी करने से इनकार किया।

उन्होंने कहा, "मराठा आरक्षण के मुद्दे पर विशेषज्ञों का कहना है कि समुदाय को अलग आरक्षण दिया जाना चाहिए। हम भी यही बात कहते हैं।"

मसौदा अधिसूचना के खिलाफ भुजबल के हमला तेज करने पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल में कहा था कि वह अपने कैबिनेट सहयोगी की चिंताओं को दूर करेंगे। वहीं, एक अन्य उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी कहा था कि वह भुजबल से बात करेंगे।

भुजबल ने घोषणा की थी कि मराठा आरक्षण के संबंध में सरकार के फैसले के खिलाफ एक फरवरी को विधायकों, सांसदों और तहसीलदारों के आवासों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

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