विदेश की खबरें | किम की रूस यात्रा संपन्न, स्वदेश लौटे

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. दोनों देशों ने बताया कि रूस के छह दिवसीय दौरे में किम ने रक्षा संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की, लेकिन इसके लिए उठाए गए कदमों की जानकारी नहीं दी। यह किम की उत्तर कोरिया के नेता के रूप में किसी अन्य देश की सबसे लंबी यात्रा रही।

श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

दोनों देशों ने बताया कि रूस के छह दिवसीय दौरे में किम ने रक्षा संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की, लेकिन इसके लिए उठाए गए कदमों की जानकारी नहीं दी। यह किम की उत्तर कोरिया के नेता के रूप में किसी अन्य देश की सबसे लंबी यात्रा रही।

विदेशी विशेषज्ञों ने अटकलें लगाई हैं कि पश्चिमी देशों के साथ संघर्ष में उलझे दोनों देश हथियारों के हस्तांतरण का सौदा करने पर जोर दे रहे हैं, जो कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन है।

आधिकारिक ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीएनए) ने कहा कि किम की ट्रेन सोमवार सुबह उत्तर कोरिया पहुंची, लेकिन उसने यह नहीं बताया कि वह राजधानी प्योंगयांग गए या देश के किसी अन्य हिस्से में। उसने बताया कि किम की इस यात्रा ने पुतिन के साथ ‘‘भाईचारे एवं मित्रतापूर्ण संबंधों’’ को गहरा किया।

रूस की यात्रा से पहले किम ने अपनी कई आयुध फैक्टरी के दौरे किए जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि वह रूस को भेजे जाने वाले हथियार के लिए उनके निर्माण की स्थिति परख रहे थे।

रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र की यात्रा करने के दौरान किम ने रूस के सबसे महत्वपूर्ण अंतरिक्ष प्रक्षेपण केन्द्र पर पुतिन से भेंट की और वहां से सैन्य शिविरों का दौरा किया। शिविरों में किम ने परमाणु हमला करने में सक्षम बम वर्षक विमान, हाइपरसोनिक मिसाइल और रूस के प्रशांत बेड़े में शामिल उन्नत युद्धपोत देखे।

अमेरिका और उसके सहयोगियों को चिंता है कि किम यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बीच मॉस्को को हथियार मुहैया करा सकते हैं और बदले में उत्तर कोरिया को रूस से उन्नत प्रौद्योगिकी मिल सकती है।

रूस और उत्तर कोरिया पर पश्चिमी देशों ने कई प्रतिबंध लगाए हैं तथा उन्हें अलग-थलग कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देश अमेरिका से बढ़ते तनाव के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ा रहे हैं।

इस बीच दक्षिण कोरिया के विदेश उपमंत्री छांग हो-जिन ने मंगलवार को सियोल में रूसी राजदूत आंद्रे कुलिक को तलब किया और मास्को से उत्तर कोरिया के साथ सैन्य सहयोग तत्काल बंद करने के लिए कहा।

उन्होंने उत्तर कोरिया के साथ रूस के सैन्य सहयोग के संदर्भ में कहा कि इसका दक्षिण कोरिया के साथ उसके (रूस) संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव होगा।

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