देश की खबरें | कर्नाटक: पुलिस ने शिवसेना कार्यकर्ताओं को बेलगावी में प्रवेश करने से रोका

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कर्नाटक पुलिस ने राज्य के स्थापना दिवस पर बुधवार को बेलगावी जा रहे शिवसेना कार्यकर्ताओं को महाराष्ट्र से लगती सीमा पर रोक दिया।

बेलगावी (कर्नाटक), एक नवंबर कर्नाटक पुलिस ने राज्य के स्थापना दिवस पर बुधवार को बेलगावी जा रहे शिवसेना कार्यकर्ताओं को महाराष्ट्र से लगती सीमा पर रोक दिया।

शिवसेना कार्यकर्ता इस अवसर पर महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) की ओर से आयोजित 'काला दिवस' कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कर्नाटक की सीमा में प्रवेश कर रहे थे।

पुलिस ने कहा कि उन्हें यहां पुणे-बेंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग पर निप्पानी तालुक में कोगनोली जांच चौकी पर रोका गया।

पुलिस के अनुसार, कोल्हापुर जिला अध्यक्ष विजय देवणे के नेतृत्व में कम से कम 30 शिवसेना कार्यकर्ताओं को बेलगावी में प्रवेश करने से पहले सीमा पर ही रोक दिया गया और इसके बाद उन्हें कोल्हापुर पुलिस के हवाले कर दिया गया।

समिति लंबे समय से कर्नाटक के कई मराठी भाषी क्षेत्रों और गांवों के महाराष्ट्र में विलय के लिए लड़ रही है। यह संगठन हर वर्ष 'कर्नाटक राज्योत्सव' दिवस को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाता है।

बेलगावी प्रशासन ने मंगलवार को महाराष्ट्र के तीन मंत्रियों और एक सांसद के इस जिले में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी थी। उनके कर्नाटक के स्थापना दिवस पर एमईएस की ओर से आयोजित ‘काला दिवस’ कार्यक्रम में उनके शामिल होने की आशंका थी।

अधिकारियों के अनुसार, वे यात्रा के दौरान भड़काऊ भाषण दे सकते हैं। साथ ही कन्नड़ कार्यकर्ता उनका घेराव कर सकते हैं तथा इसके नतीजतन एमईएस कार्यकर्ताओं के साथ झड़प हो सकती है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र के मंत्री शंभुराजे देसाई, चंद्रकांत पाटिल, दीपक केसरकर और सांसद धैर्यशील माने के एमईएस के कार्यक्रम में शामिल होने की संभावना है।

एमईएस ने हाल में कोल्हापुर में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी और सीमा मुद्दे पर उनका समर्थन मांगा था और अनुरोध किया था कि वह एमईएस की ओर से कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रतिनिधियों को भेजें।

कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद 1957 से है, जब के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किया गया था। महाराष्ट्र ने बेलगावी पर दावा किया, जो पूर्ववर्ती बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था, क्योंकि इसमें बड़ी संख्या में मराठी भाषी आबादी है तथा 800 से अधिक मराठी भाषी सीमावर्ती गांव हैं, जो वर्तमान में कर्नाटक का हिस्सा हैं।

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